यश यानी नवीन कुमार गौड़ा का जरूर होगा. आज उनका 37वां जन्मदिन है. दरअसल, यह वही लड़का है, जो कुछ कर दिखाने के लिए घर से भाग गया था और इसी वजह से सिनेमा जगत को 'यश' मिल पाया.
अपनी जिंदगी का फलसफा यश कई इंटरव्यू में बयां कर चुके हैं. वह बचपन से ही अभिनेता बनना चाहते थे. इसके लिए वह नाटक और डांस कॉम्पिटिशन आदि का हिस्सा बनते थे.
यश बताते हैं कि उनके नाटक या डांस पर जब दर्शक तालियां और सीटियां बजाते थे, तब उन्हें काफी अच्छा लगता था. यश को महसूस होता था कि वह हीरो हैं.
एक्टर बनने के लिए जब यश भागकर बेंगलुरु पहुंचे, तब उनकी जेब में महज 300 रुपये थे. शुरुआत में तो उनका मन हुआ कि घर लौट जाएं. बाद में लगा कि ऐसा ही लौटा तो दोबारा आने का मौका कभी नहीं मिलेगा.
यश खुद बता चुके हैं कि उन्हें संघर्ष से कभी डर नहीं लगा. यहां तक कि बेंगलुरु में उन्होंने थिएटर के साथ बैकस्टेज काम भी किए.
उन्होंने बतौर एक्टर अपने करियर की शुरुआत साल 2008 में कन्नड़ फिल्म 'मोगिना मनासु' से की थी, जिसके लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था.