इससे रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है.इस आसन के नियमित अभ्यास से साइटिका दर्द और कमर दर्द जैसी रीढ़ की हड्डी की समस्याओं से बचने में मदद मिलती है.
यह आसन करने से ऊपरी चेस्ट एरिया फैलती है. इस प्रकार यह अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पलमोनरी डिजीज जैसी स्वास्थ्य समस्याओं में मदद करता है.
अर्ध चंद्रासन डाइजेस्टिव सिस्टम को बढ़ावा देता है. नतीजन अपच कब्ज और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसी समस्याओं में मदद करता है.
अर्धचंद्रासन हाई ब्लड प्रेशर के लिए मेरीजों के लिए काफी फायदेमंद है.हाई बीपी के रोगियों को इस आसन से फायदा उठाना चाहिए.
कूल्हों के दर्द में अर्ध चंद्रासन बहुत ही फायदेमंद योग्य है. आपको रोज 10 मिनट अर्ध चंद्रासन करना चाहिए. यह महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद है. ये उनके पेल्विक एरिया को हेल्दी रखने में मदद करता है.
अर्ध चंद्रासन करने से पूरे टखनों और पैरों की एक्सरसाइज हो जाती है. इससे ब्लड सरकुलेशन बेहतर हो जाता है, जिससे टखनों और पैरों के दर्द और बेचैनी में राहत मिलती है.