राजस्थान के जयपुर के जगतपुरा में श्री कृष्ण बलराम का भव्य मंदिर स्थित है. इस मंदिर में शुक्रवार को श्री नित्यानंद त्रयोदशी मनाई गई. श्री नित्यानंद त्रयोदशी श्री नित्यानंद प्रभु का प्राकट्य दिवस है.
मंदिर में भगवान को 108 भोग अर्पित किये गये और वैदिक मंत्रों के साथ के श्री निताई गौरांग का महाभिषेक किया गया. भक्तों ने दोपहर तक उपवास रखते हुए हरे कृष्ण महामंत्र का जप किया.
इसके बाद निताई गौरांग को पालकी में बैठाकर मंदिर के सुधर्मा हॉल तक लाया गया. भक्तों ने यहां नित्यानंद प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त किया. इसके बाद मंदीर में भगवान की महाआरती की गई.
मंदिर के अध्यक्ष ने जानकारी दी कि नित्यानंद प्रभु पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के एकाचक्र गांव में मुकुंद पंडित और पद्मावति के घर प्रकट हुए थे. उनका जन्म 1476 ईस्वी में होना बताया जाता है.
नित्यानंद प्रभु के जन्मदिन को नित्यानंद त्रयोदशी के रूप में मनाया जाता है. ये त्योहा बसंत ऋृतु में होता है. नित्यानंद प्रभु सभी अवतारों में भगवान विष्णु के साथ ही अवतार लेते हैं.
नित्यानंद प्रभु चेतन्य महाप्रभु के पहले शिष्य बताए जाते हैं. इसलिए नित्यानंद प्रभु को उनके भक्त निताई कहकर भी पुकारतें हैं. नित्यानंद प्रभु इस युग में धर्म की स्थापना के लिए प्रकट हुए थे.