Vikrant Shekhawat : Feb 14, 2020, 12:45 PM
Valentines day special | राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई है, जिसका श्रेय सचिन पायलट को भी दिया जा रहा है। वह मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं और हो सकता है कांग्रेस के नेतृत्व में राजस्थान में बनने जा रही सरकार के अगले मुखिया हों। आइए आपको बताते हैं सचिन पायलट की पढ़ाई से लेकर लवस्टोरी के बारे में... लंदन में पढ़ाई के दौरान सचिन की मुलाकात साराह अब्दुल्लाह से हुई और कुछ दिनों के बाद दोनों एक दूसरे को डेट करने लगे। आपको बता दें सारा कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला की बेटी और उमर अब्दुल्ला की बहन हैं।सचिन के परिवार ने दोनों की शादी के लिए इनकार कर दिया। वहीं, सारा के लिए भी यह राह आसान नहीं थी। खबरों की मानें तो उनके पिता फारुख अब्दुल्ला ने उनसे इस बारे में बात करने से ही मना कर दिया था, लेकिन सारा ने हार नहीं मानी। उसने अपने पिता को मनाने के लिए सारे प्रयास किए। वह कई दिनों तक रोती रहीं, लेकिन उनके पिता नहीं माने।ट्वीटर के तीर / सचिन पायलट की ट्वीटर खामोशी, सारा पायलट का दमदार अंदाजबाद में सचिन और सारा ने किसी की परवाह किए बिना जनवरी 2004 में शादी कर ली। इस शादी में अब्दुल्ला परिवार का कोई भी सदस्य शामिल नहीं हुआ था। सचिन के परिवार ने सारा का बहुत साथ दिया। समय के साथ अब्दुल्लाह परिवार ने भी दोनों के रिश्ते को स्वीकार लिया।
सचिन ने अपनी पढ़ाई एयरफोर्स बाल भारती स्कूल, नई दिल्ली और दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज से बीए की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने गाजियाबाद के आई.एम.टी से मार्केटिंग में डिप्लोमा लिया। आगे की पढ़ाई के लिए वह लंदन चले गए। वहां उन्होंने पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई की।लंदन में पढ़ाई पूरी करने के बाद सचिन वापस दिल्ली लौट आए। वहीं, सारा अपनी पढ़ाई के लिए लंदन में ही थीं। दोनों के बीच यह दूरी आ जाने के बाद भी दोनों का प्यार बना रहा। दोनों ई-मेल और फोन के जरिए बात किया करते थे। दोनों ने लगभग तीन साल तक एक-दूसरे को डेट किया और इसके बाद दोनों ने अपने रिश्ते के बारे में अपने परिवार को बताने का फैसला लिया।
सचिन और सारा ने जब अपने परिवार वालों को बताया तो दोनों के प्यार के बीच मजहब की दीवार आ खड़ी हुई। एक तरफ सचिन हिंदू परिवार से थे, तो वहीं सारा का ताल्लुक मुस्लिम परिवार से था।
पॉलिटिक्स में आने के बारे में सचिन ने कभी नहीं सोचा थासचिन ने शादी से पहले पॉलिटिक्स में कदम रखने के बारे में कभी नहीं सोचा था। लेकिन पिता राजेश पायलट की मौत के बाद उन्हें राजनीति में उतरना पड़ा। जिस समय सचिन ने राजनीति के मैदान में कदम रखा उस समय उनकी उम्र महज 26 साल थी। सचिन ने 2004 के लोकसभा चुनावों में दौसा (राजस्थान) से बड़ी जीत हासिल की।
सचिन ने अपनी पढ़ाई एयरफोर्स बाल भारती स्कूल, नई दिल्ली और दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज से बीए की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने गाजियाबाद के आई.एम.टी से मार्केटिंग में डिप्लोमा लिया। आगे की पढ़ाई के लिए वह लंदन चले गए। वहां उन्होंने पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई की।लंदन में पढ़ाई पूरी करने के बाद सचिन वापस दिल्ली लौट आए। वहीं, सारा अपनी पढ़ाई के लिए लंदन में ही थीं। दोनों के बीच यह दूरी आ जाने के बाद भी दोनों का प्यार बना रहा। दोनों ई-मेल और फोन के जरिए बात किया करते थे। दोनों ने लगभग तीन साल तक एक-दूसरे को डेट किया और इसके बाद दोनों ने अपने रिश्ते के बारे में अपने परिवार को बताने का फैसला लिया।
सचिन और सारा ने जब अपने परिवार वालों को बताया तो दोनों के प्यार के बीच मजहब की दीवार आ खड़ी हुई। एक तरफ सचिन हिंदू परिवार से थे, तो वहीं सारा का ताल्लुक मुस्लिम परिवार से था।
पॉलिटिक्स में आने के बारे में सचिन ने कभी नहीं सोचा थासचिन ने शादी से पहले पॉलिटिक्स में कदम रखने के बारे में कभी नहीं सोचा था। लेकिन पिता राजेश पायलट की मौत के बाद उन्हें राजनीति में उतरना पड़ा। जिस समय सचिन ने राजनीति के मैदान में कदम रखा उस समय उनकी उम्र महज 26 साल थी। सचिन ने 2004 के लोकसभा चुनावों में दौसा (राजस्थान) से बड़ी जीत हासिल की।