AMAR UJALA : Oct 02, 2019, 11:34 AM
टेक डेस्क | देश की दिग्गज टेलीकॉम कंपनियों के बीच अब आउटगोइंग कॉल की रिंग के समय को लेकर जंग छिड़ गई है। इस कड़ी में रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने सबसे पहले रिंग की अवधि में बदलाव किया था। अब एयरटेल (Airtel) और वोडाफोन (Vodafone) ने भी जियो को कड़ी टक्कर देने के लिए आउटगोइंग कॉल के समय को 25 सेकेंड कर दिया है। दूरसंचार कंपनियों ने कहा है कि आउटगोइंग कॉल कम से कम 30 सेकेंड तक रिंग होना चाहिए। वहीं, ग्लोबल लेवल पर इस रिंग का टाइम 15 से लेकर 20 सेकेंड है।
14 अक्टूबर को होगी बैठकआपको बता दें कि सरकार ने आउटगोइंग का टाइम 45 सेकेंड तय किया है। ट्राई (TRAI) ने आउटगोइंग कॉल की समय सीमा के मामले को निपटाने के लिए सभी दूरसंचार कंपनियों को 14 अक्टूबर के दिन बुलाया है। वही दूसरी तरफ जियो के इस कदम से एयरटेल और वोडाफोन को बहुत नुकसान हुआ हैं। इसके साथ ही एयरटेल और जियो के बीच बयान बाजी देखने को मिली है। आउटगोइंग को लेकर एयरटेल और जियो के बीच टकराव दूरसंचार कंपनी एयरटेल ने कहा है कि जियो ने रिंग के समय को इसलिए कम किया है, क्योंकि वे अपने हिसाब से इंटरकनेक्ट यूजेज चार्जेस तय कर सके। इसके साथ ही मिस्ड कॉल की संख्या में इजाफा होता हैं। दूसरी ओर जियो ने एयरटेल के बयान को लेकर कहा है कि रिंग के समय को कम करने से स्पेक्ट्रम को नुकसान नहीं पहुंचता है। इतना ही नहीं एयरटेल ने जियो पर आरोप लगाते हुए कहा है कि रिंग के समय को कम करने से जियो अधिक कॉल रिसीव करेगा। इससे इंटरकनेक्ट यूजेज चार्जेस भी कम हो जाएंगे। जियो ने पलतवार करते हुए कहा कि हमने अंतरराष्ट्रीय स्तर के हिसाब से आउटगोइंग कॉल की अवधि में बदलाव किया है। आउटगोइंग कॉल को लेकर सिंतबर में हुई थी बैठकरिंग के समय को लेकर 6 सितंबर के दिन देश की दिग्गज टेलीकॉम कंपनियों की बैठक हुई थी। इस बैठक में एयरटेल, बीएसएनएल, वोडाफोन और एमटीएनएल ने आउटगोइंग कॉल की समय सीमा मिनिमम 30 सेकेंड तय की थी। वहीं, कंपनियों ने कहा था कि इससे दूरसंचार कंपनी और उपभोक्ता दोनों को ही बहुत फायदा होगा।
14 अक्टूबर को होगी बैठकआपको बता दें कि सरकार ने आउटगोइंग का टाइम 45 सेकेंड तय किया है। ट्राई (TRAI) ने आउटगोइंग कॉल की समय सीमा के मामले को निपटाने के लिए सभी दूरसंचार कंपनियों को 14 अक्टूबर के दिन बुलाया है। वही दूसरी तरफ जियो के इस कदम से एयरटेल और वोडाफोन को बहुत नुकसान हुआ हैं। इसके साथ ही एयरटेल और जियो के बीच बयान बाजी देखने को मिली है। आउटगोइंग को लेकर एयरटेल और जियो के बीच टकराव दूरसंचार कंपनी एयरटेल ने कहा है कि जियो ने रिंग के समय को इसलिए कम किया है, क्योंकि वे अपने हिसाब से इंटरकनेक्ट यूजेज चार्जेस तय कर सके। इसके साथ ही मिस्ड कॉल की संख्या में इजाफा होता हैं। दूसरी ओर जियो ने एयरटेल के बयान को लेकर कहा है कि रिंग के समय को कम करने से स्पेक्ट्रम को नुकसान नहीं पहुंचता है। इतना ही नहीं एयरटेल ने जियो पर आरोप लगाते हुए कहा है कि रिंग के समय को कम करने से जियो अधिक कॉल रिसीव करेगा। इससे इंटरकनेक्ट यूजेज चार्जेस भी कम हो जाएंगे। जियो ने पलतवार करते हुए कहा कि हमने अंतरराष्ट्रीय स्तर के हिसाब से आउटगोइंग कॉल की अवधि में बदलाव किया है। आउटगोइंग कॉल को लेकर सिंतबर में हुई थी बैठकरिंग के समय को लेकर 6 सितंबर के दिन देश की दिग्गज टेलीकॉम कंपनियों की बैठक हुई थी। इस बैठक में एयरटेल, बीएसएनएल, वोडाफोन और एमटीएनएल ने आउटगोइंग कॉल की समय सीमा मिनिमम 30 सेकेंड तय की थी। वहीं, कंपनियों ने कहा था कि इससे दूरसंचार कंपनी और उपभोक्ता दोनों को ही बहुत फायदा होगा।