Vikrant Shekhawat : Oct 03, 2024, 09:26 AM
Bangladesh News: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने एक चौंकाने वाले कदम के तहत भारत सहित पांच देशों से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है। भारत के अलावा, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, पुर्तगाल, और संयुक्त राष्ट्र में स्थित बांग्लादेश के राजदूतों को भी देश वापस बुलाया गया है। यह निर्णय तब लिया गया है जब बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद छोड़ दिया और उनके देश छोड़ने के बाद से भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव बढ़ गया है।भारत-बांग्लादेश संबंधों में आई खटासशेख हसीना के पद से हटने और उनके देश छोड़ने के बाद से भारत और बांग्लादेश के संबंध कुछ खास नहीं रहे हैं। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय से जुड़े लोगों का मानना है कि हाल के प्रशासनिक फैसले विदेश नीति के लिहाज से सही नहीं हैं। जिन राजनयिकों को वापस बुलाया गया है, उनमें से कई राजनीतिक नियुक्ति नहीं थे और उनका कामकाज कुशल था। खासकर भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त मुस्तफिजुर रहमान को भी वापस बुलाने का फैसला चर्चा का विषय बना हुआ है।मुस्तफिजुर रहमान के अलावा जिन अन्य राजदूतों को वापस बुलाया गया है, उनमें संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि और ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, पुर्तगाल में बांग्लादेश के राजदूत शामिल हैं। इनमें से कई राजदूत आने वाले महीनों में सेवानिवृत्त होने वाले थे, और उन्हें वापस बुलाने का समय भी सवाल खड़े करता है।मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में प्रशासन और भारत के बीच तनावबांग्लादेश में हाल ही में शेख हसीना सरकार के खिलाफ हुए छात्र संगठनों के विरोध प्रदर्शन और हिंसा के कारण अगस्त में उनकी सरकार गिर गई। नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार ने सत्ता संभालने के बाद से ही भारत के साथ संबंध सुधारने की कोशिशें की हैं, लेकिन भारत की ओर से इन्हें ठंडा रुख देखने को मिला है।ढाका स्थित अंतरिम प्रशासन ने पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुहम्मद यूनुस के बीच बैठक कराने की कोशिश की थी। लेकिन यूनुस ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण और भारत की आलोचना से जुड़े मुद्दे उठाए, जिससे भारतीय पक्ष नाखुश रहा और दोनों नेताओं की मुलाकात नहीं हो पाई। इससे दोनों देशों के बीच राजनीतिक और कूटनीतिक संबंध और जटिल हो गए हैं।मुस्तफिजुर रहमान की भूमिका और वापसीमुस्तफिजुर रहमान, जो जुलाई 2022 से भारत में उच्चायुक्त के रूप में कार्यरत थे, उन्हें भी वापस बुलाया गया है। इससे पहले वह जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में कार्य कर चुके थे और स्विट्जरलैंड तथा सिंगापुर में भी बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व किया था। भारत-बांग्लादेश के संबंधों को मजबूती देने और विकास सहयोग को बढ़ावा देने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके इस अप्रत्याशित वापसी से भारत-बांग्लादेश के संबंधों में और तनाव बढ़ सकता है।निष्कर्षबांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा भारत सहित पांच देशों से राजदूतों को वापस बुलाने का यह कदम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ा संकेत है। शेख हसीना की सत्ता से विदाई और मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में प्रशासन के फैसलों ने भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में गंभीर खटास पैदा कर दी है। आने वाले समय में यह देखना होगा कि दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार होता है या यह तनाव और गहराता है।