Vikrant Shekhawat : Sep 18, 2024, 10:23 AM
Hezbollah Pager Blast: हाल ही में लेबनान में हिजबुल्लाह के लड़ाकों और सदस्यों पर हुए पेजर विस्फोटों ने पूरी दुनिया में सनसनी फैला दी है। ये हमले ऐसे समय में हुए हैं जब हिजबुल्लाह ने ताइवान की गोल्ड अपोलो कंपनी से पेजर का ऑर्डर दिया था। इन विस्फोटों से ताइवान की कंपनी की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे हैं, जिससे ताइवान पुलिस ने कंपनी के कार्यालय में छापेमारी की।गोल्ड अपोलो का बयानगोल्ड अपोलो के फाउंडर ह्सू चिंग-कुआंग ने मीडिया को स्पष्ट किया कि उनकी कंपनी ने उन पेजर्स का निर्माण नहीं किया, जिनका इस्तेमाल विस्फोटों में किया गया। उन्होंने बताया कि ये पेजर एक यूरोपीय कंपनी द्वारा बनाए गए थे, जिसने ताइवानी कंपनी के ब्रांड नाम का उपयोग करने का अधिकार प्राप्त किया है। ह्सू ने यह भी बताया कि उनके द्वारा इस मॉडल के पेजर्स के निर्माण का सबकॉन्ट्रैक्ट यूरोप की कंपनी को दिया गया था।हमले का विवरणमंगलवार को लेबनान और सीरिया में हिजबुल्लाह सदस्यों के पेजर अचानक फटने लगे, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 3,000 हिजबुल्लाह फाइटर और नागरिक घायल हुए, जबकि 11 लोगों की मौत हो गई। हिजबुल्लाह ने इन हमलों के पीछे इजराइल का हाथ होने का आरोप लगाया है, हालांकि इजराइल ने इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी।ताइवान पर आरोपविस्फोटों में शामिल पेजर्स की तस्वीरों का विश्लेषण करते हुए न्यूज एजेंसी रायटर्स ने पाया कि इन पेजर्स पर गोल्ड अपोलो का स्टिकर था। एक वरिष्ठ सुरक्षा सूत्र ने बताया कि हिजबुल्लाह ने ताइवान स्थित गोल्ड अपोलो से 5,000 पेजर्स का ऑर्डर दिया था। इससे कंपनी की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं।कंपनी की प्रतिक्रियाह्सू चिंग-कुआंग ने इस हमले को लेकर अपनी कंपनी के लिए शर्मिंदगी व्यक्त की। उन्होंने कहा, "हम एक जिम्मेदार कंपनी हैं। यह हमारे लिए बहुत शर्मनाक है।" उनका कहना था कि केवल हिजबुल्लाह ही नहीं, बल्कि उनकी कंपनी भी इस हमले की विक्टिम है।वैश्विक चिंताएंइन घटनाओं ने एक बार फिर से वैश्विक सुरक्षा चिंताओं को जन्म दिया है। अमेरिका ने हिजबुल्लाह और ईरान से शांति बनाए रखने की अपील की है, लेकिन इन हमलों ने पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति को और बढ़ा दिया है। हिजबुल्लाह के लड़ाकों ने पेजर्स का इस्तेमाल इस विश्वास के साथ किया था कि यह उन्हें इजराइल की निगरानी से बचाएगा, लेकिन अब उसी तकनीक का इस्तेमाल उनके खिलाफ हो रहा है।इस हमले ने एक नई बहस को जन्म दिया है कि तकनीक का दुरुपयोग कैसे किया जा सकता है, और इसकी जिम्मेदारी किसकी होती है। क्या कंपनियों को अपने उत्पादों के उपयोग की जिम्मेदारी लेनी चाहिए? यह सवाल आज के समय में बेहद महत्वपूर्ण है, खासकर जब वैश्विक सुरक्षा और आतंकवाद की बातें होती हैं।