छत्तीसगढ़ / कालीचरण महाराज की ज़मानत याचिका छत्तीसगढ़ की कोर्ट ने की खारिज

रायपुर (छत्तीसगढ़) की एक कोर्ट ने महात्मा गांधी के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए जेल में बंद कालीचरण महाराज की ज़मानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी। कालीचरण को 13 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। उन्होंने 26 दिसंबर को रायपुर की 'धर्म संसद' में गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को सलामी दी थी।

Vikrant Shekhawat : Jan 04, 2022, 11:37 AM
रायपुर: रायपुर कोर्ट ने महात्मा गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले कालीचरण की ज़मानत याचिका को खारिज कर दिया है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने कालीचरण को कथित तौर इस मामले में मध्य प्रदेश के खजुराहो से गिरफ़्तार किया गया था।

रायपुर पुलिस ने महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने और राष्ट्रपिता की हत्या के लिए नाथूराम गोडसे की प्रशंसा करने के आरोप में कालीचरण महाराज को 30 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया था।

रायपुर के पूर्व महापौर प्रमोद दुबे की शिकायत पर रायपुर के टिकरापारा थाने में कालीचरण महाराज के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी। उस पर आईपीसी की धारा 505(2) (वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा या दुर्भावना पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान) और धारा 294 [किसी भी सार्वजनिक स्थान पर अश्लील कृत्य] के तहत मामला दर्ज किया गया है।

रायपुर में प्राथमिकी दर्ज होते ही कालीचरण कथित तौर पर छत्तीसगढ़ से फरार हो गया। पुलिस ने बाबा को पकड़ने के लिए महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में टीमें भेजी थीं। इस बीच, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आश्वासन दिया कि रायपुर धर्म संसद में महात्मा गांधी के बारे में विवादास्पद बयान देने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ "कड़ी कार्रवाई" की जाएगी।

कालीचरण ने 26 दिसंबर को पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक 'धर्म संसद' में गांधीजी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रशंसा करते हुए यह टिप्पणी की थी।

महाराष्ट्र के मंत्री ने कालीचरण के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत

महाराष्ट्र के मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्द का इस्तेमाल करने के लिए कालीचरण महाराज के खिलाफ ठाणे शहर में पुलिस मामला दर्ज किया। राकांपा नेता ने कहा कि वह राष्ट्रपिता के लिए इस्तेमाल किए गए शब्द और कालीचरण द्वारा इस पर कोई पछतावा नहीं दिखाने से आहत हैं।

नौपाड़ा पुलिस स्टेशन के अधिकारी ने कहा कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य करने के लिए आईपीसी की धारा 294, 295ए, 298, 505 (2) और 506 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।