Vikrant Shekhawat : Jun 28, 2021, 02:03 PM
तमिलनाडु के इरोड से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां एक ही परिवार को कोरोना के इलाज की दवा बताकर जहर की गोलिया दे दी गईं। जिसके बाद परिवार के 3 लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। जांच से पता चला है कि कीझवानी गांव में रहने वाले मुख्य आरोपी आर कल्याणसुंदरम (43) ने कुछ महीने पहले करुंगौंदनवालासु गांव के करुप्पनकुंडर (72) से 15 लाख रुपये उधार लिए थे। वह कर्ज चुकाने में असमर्थ था और दबाव का सामना करते हुए उसने करुप्पनकुंदर और उसके परिवार से छुटकारा पाने का फैसला किया। कल्याणसुंदरम ने इस काम को अंजाम देने के लिए सबरी (25) की मदद मांगी। सबरी नाम का यह व्यक्ति स्वास्थ विभाह के कर्मचारी के रूप में उन लोगों के घर पहुंचा और इसी ने चार लोगों के परिवार को जहर की गोलियां दींं।सबरी 26 जून थर्मामीटर और पल्स ऑक्सीमीटर सहित एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता के सामान के साथ करुप्पनकाउंडर के घर पहुंचा था। उसने वहां पूछताछ की कि क्या करुप्पनकुंडर और उनके परिवार को बुखार या खांसी है, फिर उन्हें यह कहकर कुछ गोलियां दीं कि वे कोविड के खिलाफ प्रतिरक्षा को बढ़ावा देंगी।करुप्पनकुंदर, उनकी पत्नी मल्लिका, बेटी दीपा और घरेलू सहायिका कुप्पल ने गोलियां खा लीं और उसके बाद वे गिर पड़े। आसपास के लोगों ने चारों को बेहोश पाया तो उन्हें अस्पताल पहुंचाया । मल्लिका की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई; अगले दिन दीपा और कुप्पल की मृत्यु हो गई। खुद करुप्पनकाउंडर की हालत गंभीर बनी हुई है।पुलिस ने रविवार रात कल्याणसुंदरम और सबरी को उनके बयान न मिलने के बाद गिरफ्तार कर लिया।इरोड के डीएसपी सेल्वराज ने इंडिया टुडे को बताया, "कल्याणसुंदरम ने स्वास्थ्य कार्यकर्ता के झूठे बहाने सबरी को करुप्पनकुंडर के घर पर भेजा था और कोविड -19 के इलाज के लिए जहर की गोलियां देकर उन्हें हत्या करने के लिए कहा था।"दोनों को पेरुंदुरई उप-न्यायालय के न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।