Vikrant Shekhawat : Sep 05, 2020, 10:40 PM
न्यूज हैल्पलाइन . मुम्बई । बॉलीवुड के जाने माने प्रोडूसर जोहनी बक्शी का कल रात 4 सितम्बर को निधन हो गया। जोहनी बक्शी को उनकी फिल्म्स मज़िले और भी हैं , विश्वासघात , रावण और मेरा दोस्त मेरा दुश्मन के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने करियर में कई बड़े और दिग्गज फिल्मकार के साथ काम किया। आज उनके जाने के बाद पूजा भट्ट ने उन्हें किया याद और उनकी आत्मी की शांति के लिए की प्रार्थना।
पूजा भट्ट ने लिखा, "जोहनी बक्शी मेरे पिता में विश्वास दिखाने के लिए, उन्हें डायरेक्ट करने का मौका देने के लिए और फिल्म मज़िलें और भी है (1974) को प्रोडूस करने के लिए बहुत धन्यवाद। धन्यवाद उन्हें एक और मौका देने के लिए फिल्म 'विश्वासघात (1977) के लिए और उसके बाद 'फिर तेरी कहानी याद आयी' (1993) बनाने के लिए।लेकिन सबसे बड़ा धन्यवाद मेरे माँ बाप के अच्छे दोस्त बने रहने के लिए और ज़िन्दगी के हर उतार चढ़ाव में उनके साथ खड़े रहने के लिए। मैं मेहबूब स्टूडियो में 'सड़क 2 ' के पहले दिन को कभी नहीं भूलूंगी जहाँ आपने हमारी फिल्म के पहले शॉट के लिए क्लैप दिया। मेरे पिता ने कहा जब उन्होंने अपना करियर आपके साथ इस जगह से शुरू किया था ,तो इस सफर की शुरुवात भी आपके हाथो ही होनी थी। उस पल को हमने बहुत प्यार और हसी के साथ जिया। पूरी यूनिट के लिए वह पल यादगार रहेगा जब मेरे पिता ने याद किया कि कैसे आपने उन्हें उनकी पहली फिल्म दी थी और कैसे इतने सालो तक आपकी दोस्ती बरकरार रही , सभी हिट फ्लॉप, सफलता फेलियर से परे हटकर। इस शोक के मौके में मैं आपके परिवार के साथ सांत्वना रखती हूँ। फिल्म इंडस्ट्री ने आज उसपर विश्वास रखने वाला एक एहम आदमी और एक सच्चे जेंटलमैन को खोया है।"जोहनी बक्शी ने बॉलीवुड में काफी फिल्मो को प्रोडूस किया। हिमेश रेशम्मिया की फिल्म 'कजरारे' उनकी आखरी फिल्म थी जो साल 2010 में रिलीज़ हुई थी। अपने शुरुवाती करियर में उन्होंने राज खोसला को असिस्ट किया था। जोहनी महेश भट्ट के काफी करीबी दोस्त थे।आज उनके जाने पर बॉलीवुड का एक और हीरा उसे छोड़ कर चला गया है। भगवान् उनकी आत्मा को शांति दे।
पूजा भट्ट ने लिखा, "जोहनी बक्शी मेरे पिता में विश्वास दिखाने के लिए, उन्हें डायरेक्ट करने का मौका देने के लिए और फिल्म मज़िलें और भी है (1974) को प्रोडूस करने के लिए बहुत धन्यवाद। धन्यवाद उन्हें एक और मौका देने के लिए फिल्म 'विश्वासघात (1977) के लिए और उसके बाद 'फिर तेरी कहानी याद आयी' (1993) बनाने के लिए।लेकिन सबसे बड़ा धन्यवाद मेरे माँ बाप के अच्छे दोस्त बने रहने के लिए और ज़िन्दगी के हर उतार चढ़ाव में उनके साथ खड़े रहने के लिए। मैं मेहबूब स्टूडियो में 'सड़क 2 ' के पहले दिन को कभी नहीं भूलूंगी जहाँ आपने हमारी फिल्म के पहले शॉट के लिए क्लैप दिया। मेरे पिता ने कहा जब उन्होंने अपना करियर आपके साथ इस जगह से शुरू किया था ,तो इस सफर की शुरुवात भी आपके हाथो ही होनी थी। उस पल को हमने बहुत प्यार और हसी के साथ जिया। पूरी यूनिट के लिए वह पल यादगार रहेगा जब मेरे पिता ने याद किया कि कैसे आपने उन्हें उनकी पहली फिल्म दी थी और कैसे इतने सालो तक आपकी दोस्ती बरकरार रही , सभी हिट फ्लॉप, सफलता फेलियर से परे हटकर। इस शोक के मौके में मैं आपके परिवार के साथ सांत्वना रखती हूँ। फिल्म इंडस्ट्री ने आज उसपर विश्वास रखने वाला एक एहम आदमी और एक सच्चे जेंटलमैन को खोया है।"जोहनी बक्शी ने बॉलीवुड में काफी फिल्मो को प्रोडूस किया। हिमेश रेशम्मिया की फिल्म 'कजरारे' उनकी आखरी फिल्म थी जो साल 2010 में रिलीज़ हुई थी। अपने शुरुवाती करियर में उन्होंने राज खोसला को असिस्ट किया था। जोहनी महेश भट्ट के काफी करीबी दोस्त थे।आज उनके जाने पर बॉलीवुड का एक और हीरा उसे छोड़ कर चला गया है। भगवान् उनकी आत्मा को शांति दे।