News18 : Oct 12, 2019, 03:23 PM
नई दिल्ली | जम्मू और कश्मीर प्रशासन (Jammu and kashmir) ने शनिवार को घाटी में संचार सेवाओं के संबंध में बड़ा फैसला लिया है. प्रशासन ने कश्मीर घाटी में बंद चल रही पोस्टपेड मोबाइल सेवाओं (Mobile postpaid services) को सोमवार यानी 14 अक्टूबर से दोबारा शुरू करने की घोषणा की है. हालांकि अभी मोबाइल इंटरनेट सेवाओं की शुरुआत के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है. पोस्टपेड मोबाइल सेवाएं शुरू करने के इस निर्णय की जानकारी जम्मू-कश्मीर के प्रधान सचिव रोहित कंसल (Rohit kansal) ने दी. उनके अनुसार सोमवार को पोस्टपेड मोबाइल सेवाएं दोपहर 12 से बहाल हो जाएंगी.
प्रधान सचिव रोहित कंसल के अनुसार सोमवार को राज्य के 10 जिलों में यह सेवाएं शुरू हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन घाटी में आतंक फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. लोगों की सुरक्षा के लिए ही पाबंदी लगाई गई थी.बता दें कि 5 अगस्त को मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद से राज्य में मोबाइल सेवाएं सुरक्षा को देखते हुए बंद कर दी गई थीं. हालांकि मोबाइल सेवाएं चरणबद्ध तरीके से शुरू की जा रही हैं. अभी भी कुछ इलाकों में मोबाइल सेवाओं पर पाबंदी है.घाटी में करीब 66 लाख मोबाइल ग्राहककश्मीर घाटी में करीब 66 लाख मोबाइल ग्राहक हैं, जिनमें से लगभग 40 लाख ग्राहकों के पास पोस्ट-पेड सुविधाएं हैं. केंद्र द्वारा पर्यटकों के लिए घाटी खोलने की सलाह जारी करने के दो दिन बाद यह कदम उठाया गया.5 अगस्त को बंद हुई थीं मोबाइल सेवाएंकेंद्र द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द करने के बाद बाद 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर में मोबाइल सेवाएं बंद कर दी गईं थी. घाटी में 17 अगस्त को आंशिक फिक्स्ड लाइन टेलीफोन को फिर से शुरू किया गया था और 4 सितंबर तक लगभग 50,000 की संख्या वाली सभी लैंडलाइनों को चालू घोषित कर दिया गया था.जम्मू में नाकाबंदी के दिनों के भीतर संचार प्रणाली को बहाल कर दिया गया था और यहां तक कि मोबाइल इंटरनेट भी अगस्त के मध्य में शुरू किया गया था. लेकिन इसके दुरुपयोग के बाद 18 अगस्त को सेलुलर फोन पर इंटरनेट की सुविधा छिन गई थी.
प्रधान सचिव रोहित कंसल के अनुसार सोमवार को राज्य के 10 जिलों में यह सेवाएं शुरू हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन घाटी में आतंक फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. लोगों की सुरक्षा के लिए ही पाबंदी लगाई गई थी.बता दें कि 5 अगस्त को मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद से राज्य में मोबाइल सेवाएं सुरक्षा को देखते हुए बंद कर दी गई थीं. हालांकि मोबाइल सेवाएं चरणबद्ध तरीके से शुरू की जा रही हैं. अभी भी कुछ इलाकों में मोबाइल सेवाओं पर पाबंदी है.घाटी में करीब 66 लाख मोबाइल ग्राहककश्मीर घाटी में करीब 66 लाख मोबाइल ग्राहक हैं, जिनमें से लगभग 40 लाख ग्राहकों के पास पोस्ट-पेड सुविधाएं हैं. केंद्र द्वारा पर्यटकों के लिए घाटी खोलने की सलाह जारी करने के दो दिन बाद यह कदम उठाया गया.5 अगस्त को बंद हुई थीं मोबाइल सेवाएंकेंद्र द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द करने के बाद बाद 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर में मोबाइल सेवाएं बंद कर दी गईं थी. घाटी में 17 अगस्त को आंशिक फिक्स्ड लाइन टेलीफोन को फिर से शुरू किया गया था और 4 सितंबर तक लगभग 50,000 की संख्या वाली सभी लैंडलाइनों को चालू घोषित कर दिया गया था.जम्मू में नाकाबंदी के दिनों के भीतर संचार प्रणाली को बहाल कर दिया गया था और यहां तक कि मोबाइल इंटरनेट भी अगस्त के मध्य में शुरू किया गया था. लेकिन इसके दुरुपयोग के बाद 18 अगस्त को सेलुलर फोन पर इंटरनेट की सुविधा छिन गई थी.