Vikrant Shekhawat : Nov 15, 2021, 07:21 AM
गुरुग्राम: बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली सरकार के बाद अब हरियाणा सरकार ने भी स्कूलों को बंद करने का फैसला किया है। सरकार ने गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और झज्जर में 17 नवंबर तक स्कूल बंद करने की घोषणा की है। सरकार ने एनसीआर के इन सभी शहरों में हर तरह के निर्माण कार्यों पर भी रोक लगा दी गई है। सरकार ने इस बारे में विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। वहीं शनिवार को दिल्ली सरकार ने भी घोषणा की थी कि सोमवार से एक हफ्ते तक राजधानी के सभी स्कूल बंद रहेंगे। सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम पर भेज दिया गया है। सरकार निजी दफ्तरों के लिए भी इससे जुड़ी एडवाइजरी भेजेगी। 17 नवंबर तक निर्माण से जुड़ी सभी गतिविधियां बंद रहेंगी।निर्माण गतिविधियां बंद रखें यूपी, हरियाणा, राजस्थान: आयोगइस बीच वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली के पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान को वायु प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए स्कूलों को बंद करने और निर्माण व तोड़फोड़ की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए कहा है। आयोग ने कहा कि इन राज्यों और जिला प्रशासनों को ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के तहत जनता के लिए एडवाइजरी भी जारी करने के लिए कहा गया है। एक आपात बैठक में आयोग ने इन राज्यों को दिल्ली सरकार के फैसले के अनुरूप कदम उठाने की सलाह दी है।दिल्ली में निर्माण गतिविधियों पूरी तरह बंदमुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि सोमवार से एक हफ्ते के लिए सभी स्कूल भौतिक रूप से (फिजिकल) बंद किए जा रहे हैं, लेकिन वर्चअल कक्षाएं चलती रहेंगी। इससे बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलना पड़ेगा। प्रदूषण पर निगरानी रखने वाली एजेसियों का कहना है कि 17 नवंबर तक हवाएं नहीं चलेंगी और पड़ोसी राज्यों से पराली का धुंआ दिल्ली में आता रहेगा। ऐसे से स्थिति थोड़ी ज्यादा खराब हो सकती है। इसलिए इस दौरान निर्माण गतिविधियों को पूरी तरह से बंद किया जाएगा।लॉकडाउन लगाने का कड़ा कदम भी संभवअरविंद केजरीवाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के अंदर बीच-बीच में एक सुझाव निकल कर आ रहा था कि अगर बहुत ज्यादा हालात खराब हो जाते हैं, तो क्या दिल्ली को पूरी तरह से लॉकडाउन किया जा सकता है। इसका वर्क आउट किया जा रहा है। अभी हम लॉकडाउन लगा नहीं रहे हैं। इसका एक प्रस्ताव बना रहे हैं और इस प्रस्ताव को हम सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेंगे। साथ ही केंद्र सरकार समेत सभी एजेंसियों से बातचीत की जाएगी। वजह यह कि यह बहुत ही बड़ा कदम होगा। इसलिए केंद्र सरकार, सीपीसीबी, सफर समेत सभी एजेंसी को भरोसे में लेकर अगर ऐसे हालात बनते हैं, तो उसमें दिल्ली के अंदर सारे प्राइवेट वाहन, निर्माण, ट्रांसपोर्ट, औद्योगिक गतिविधियां बंद की जा सकती हैं।