Vikrant Shekhawat : May 18, 2022, 03:19 PM
ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के बाद शिवलिंग मिला या फव्वारा? इसको लेकर विवाद गहराता जा रहा है. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि अगर मुस्लिम पक्ष शिवलिंग को फव्वारा बता रहे है तो चलाकर दिखाएं. अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM Chief Asaduddin Owaisi) ने भी इसे इसे फव्वारा बताया है और कहा है कि हमें सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ की उम्मीद है.400 साल पुराना है फव्वारा: असदुद्दीन ओवैसीएआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने Zee News से बात करते हुए कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के वुजूखाने के पास शिवलिंग नहीं, बल्कि फव्वारा मिला है जो 400 साल पुराना है. इसके साथ ही उन्होंने कहा बाबरी मस्जिद की तरह ज्ञानवापी मस्जिद छिनी जा रही है.अगर फव्वारा है तो उसको चलाकर दिखा दें
वहीं, हिंदू पक्ष के दूसरे वकील विष्णु जैन ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले शिवलिंग को दूसरा पक्ष फव्वारा कह रहा है। अगर ऐसा है तो वह फव्वारा चलाकर दिखा दें। फव्वारा है तो वहां वाटर सप्लाई का पूरा सिस्टम भी होगा। ऐसे में प्रतिवादी पक्ष को जांच में ऐतराज क्यों है? उन्होंने यह भी दावा किया कि नंदी महाराज के सामने से व्यासजी के कक्ष से शिवलिंग तक रास्ता जाता है। अदालत से वहां खुदाई कराने की मांग की गई है। विष्णु जैन ने यह भी कहा कि माहौल अच्छा बनाए रखने की जिम्मेदारी सिर्फ एक पक्ष की नहीं है।सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ की उम्मीद: ओवैसीज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे कराने के वाराणसी कोर्ट के फैसले पर असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा कि वाराणसी कोर्ट का फैसला गलत है. 1991 एक्ट के तहत कानून का उल्लंघन हुआ है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से हमें इंसाफ की उम्मीद है और हमे भरोसा है कि अदालत इस मामले पर स्टे लगाएगी.वादी महिलाओं ने कोर्ट में दिया है प्रार्थना-पत्रहिंदू पक्ष यानी मां शृंगार गौरी मामले की वादिनी सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर से एक बार फिर ज्ञानवापी में सर्वे की मांग की गई है। ज्ञानवापी परिसर की कुछ दीवारों को गिराने सहित 4 पॉइंट्स पर एप्लिकेशन दी गई है। हालांकि, वकीलों की हड़ताल के चलते अब तक इस पर सुनवाई नहीं हो पाई है।SC ने दिया शिवलिंग क्षेत्र की सुरक्षा का निर्देशबता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए शिवलिंग क्षेत्र को सुरक्षा देने का निर्देश दिया है, जिसके ज्ञानवापी सर्वे के दौरान मिलने का दावा किया जा रहा है. कोर्ट ने वाराणसी के जिलाधिकारी को ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के अंदर उस क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. हालांकि इसके साथ ही कोर्ट ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को वहां नमाज अदा करने और धार्मिक रस्म निभाने की अनुमति दे दी. कोर्ट ने कहा कि वाराणसी के जिलाधिकारी उस क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करें, जहां शिवलिंग मिलने की बात कही गई और इससे मुस्लिमों के नमाज अदा करने एवं अन्य धार्मिक रस्म निभाने में बाधा नहीं आए.
वहीं, हिंदू पक्ष के दूसरे वकील विष्णु जैन ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले शिवलिंग को दूसरा पक्ष फव्वारा कह रहा है। अगर ऐसा है तो वह फव्वारा चलाकर दिखा दें। फव्वारा है तो वहां वाटर सप्लाई का पूरा सिस्टम भी होगा। ऐसे में प्रतिवादी पक्ष को जांच में ऐतराज क्यों है? उन्होंने यह भी दावा किया कि नंदी महाराज के सामने से व्यासजी के कक्ष से शिवलिंग तक रास्ता जाता है। अदालत से वहां खुदाई कराने की मांग की गई है। विष्णु जैन ने यह भी कहा कि माहौल अच्छा बनाए रखने की जिम्मेदारी सिर्फ एक पक्ष की नहीं है।सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ की उम्मीद: ओवैसीज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे कराने के वाराणसी कोर्ट के फैसले पर असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा कि वाराणसी कोर्ट का फैसला गलत है. 1991 एक्ट के तहत कानून का उल्लंघन हुआ है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से हमें इंसाफ की उम्मीद है और हमे भरोसा है कि अदालत इस मामले पर स्टे लगाएगी.वादी महिलाओं ने कोर्ट में दिया है प्रार्थना-पत्रहिंदू पक्ष यानी मां शृंगार गौरी मामले की वादिनी सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर से एक बार फिर ज्ञानवापी में सर्वे की मांग की गई है। ज्ञानवापी परिसर की कुछ दीवारों को गिराने सहित 4 पॉइंट्स पर एप्लिकेशन दी गई है। हालांकि, वकीलों की हड़ताल के चलते अब तक इस पर सुनवाई नहीं हो पाई है।SC ने दिया शिवलिंग क्षेत्र की सुरक्षा का निर्देशबता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए शिवलिंग क्षेत्र को सुरक्षा देने का निर्देश दिया है, जिसके ज्ञानवापी सर्वे के दौरान मिलने का दावा किया जा रहा है. कोर्ट ने वाराणसी के जिलाधिकारी को ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के अंदर उस क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. हालांकि इसके साथ ही कोर्ट ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को वहां नमाज अदा करने और धार्मिक रस्म निभाने की अनुमति दे दी. कोर्ट ने कहा कि वाराणसी के जिलाधिकारी उस क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करें, जहां शिवलिंग मिलने की बात कही गई और इससे मुस्लिमों के नमाज अदा करने एवं अन्य धार्मिक रस्म निभाने में बाधा नहीं आए.