Vikrant Shekhawat : Apr 05, 2021, 04:56 PM
अयोध्या के रहने वाले राजकुमार यादव के छत्तीसगढ़ बीजापुर सुकमा में शहीद हुए हैं। परिवार में सबसे बड़े राजकुमार 10 जनवरी को अपनी छुट्टी पूरी कर वापस ड्यूटी पर गए थे। सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो विंग में राजकुमार यादव तैनात थे। यह खबर सुनते ही पूरे गांव में मातम छा गया। तीन भाई और दो बहनों में सबसे बड़े राजकुमार ने अपनी सारी जिम्मेदारी निभाई थी। मगर विवाह के लिए अभी एक छोटा भाई और एक बहन बची थी। शहीद जवान की मां कैंसर से पीड़ित थी। जिनका इलाज लखनऊ में चल रहा है और रविवार को ही वह लखनऊ से डिस्चार्ज होकर घर पहुंची हैं। जवान के शहीद होने की खबर मिलने पर पत्नी बेसुध है।
शहीद जवान के भाई के अनुसार 2 दिन पूर्व परिजनो से बात हुई थी। मृतक राजकुमार यादव के दो बच्चे हैं पहला बच्चा शिवम 15 वर्ष हाईस्कूल की परीक्षा दे रहा है तो दूसरा बच्चा हिमांशु कक्षा 6 का छात्र है परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। डीएम अनुज कुमार झा व एसएसपी शैलेश पांडेय भी शहीद के घर पहुंचे।राजकुमार की 2 दिन पहले ही तो अपनी पत्नी से मोबाइल पर बात हुई थी। प्रशासन और पुलिस महकमे के लोग जब घर पहुंचे तो किसी को यह भी नहीं पता था की इतने सारे लोग अचानक घर क्यों पहुंचे हैं, एक बार जब प्रशासन और पुलिस के लोगों ने परिवार वालों को बताया तो उन्हें इस दुखद घटना पर विश्वास ही नहीं हुआ। शहीद के बूढ़े मां बाप को जब यह खबर मिली तो वे बदहवास हो उठे। शहीद के पिता सूरज लाल यादव ने बताया कि उनका बेटा 1995 में सीआरपीएफ में शामिल हुआ था। राजकुमार की मां कैंसर से पीड़ित है इसलिए परिवार के लोग ठीक तरह से रो भी नहीं पाए। यही कारण रहा कि अभी तक राजकुमार की मां को नहीं पता की उसका लाल बहादुरी से लड़ते हुए शहीद हो गया।
शहीद जवान के भाई के अनुसार 2 दिन पूर्व परिजनो से बात हुई थी। मृतक राजकुमार यादव के दो बच्चे हैं पहला बच्चा शिवम 15 वर्ष हाईस्कूल की परीक्षा दे रहा है तो दूसरा बच्चा हिमांशु कक्षा 6 का छात्र है परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। डीएम अनुज कुमार झा व एसएसपी शैलेश पांडेय भी शहीद के घर पहुंचे।राजकुमार की 2 दिन पहले ही तो अपनी पत्नी से मोबाइल पर बात हुई थी। प्रशासन और पुलिस महकमे के लोग जब घर पहुंचे तो किसी को यह भी नहीं पता था की इतने सारे लोग अचानक घर क्यों पहुंचे हैं, एक बार जब प्रशासन और पुलिस के लोगों ने परिवार वालों को बताया तो उन्हें इस दुखद घटना पर विश्वास ही नहीं हुआ। शहीद के बूढ़े मां बाप को जब यह खबर मिली तो वे बदहवास हो उठे। शहीद के पिता सूरज लाल यादव ने बताया कि उनका बेटा 1995 में सीआरपीएफ में शामिल हुआ था। राजकुमार की मां कैंसर से पीड़ित है इसलिए परिवार के लोग ठीक तरह से रो भी नहीं पाए। यही कारण रहा कि अभी तक राजकुमार की मां को नहीं पता की उसका लाल बहादुरी से लड़ते हुए शहीद हो गया।