Live Hindustan : Nov 25, 2019, 03:30 PM
नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने पर प्रतिबंध के उसके आदेश के बावजूद पंजाब में इसे जलाए जाने का गंभीरता से संज्ञान लिया और कहा कि दिल्ली के लोगों को प्रदूषण की वजह से मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि क्या आप लोगों से इस तरीके से व्यवहार कर सकते हैं और उन्हें दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से मरने के लिए छोड़ सकते हैं।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के कारण लाखों लोगों की आयु कम हो गई है और लोगों का 'दम घुंट' रहा है। कोर्ट ने पराली जलाने पर रोक लगाने के आदेश के बावजूद हरियाणा में ऐसी घटनाएं बढ़ने को लेकर उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार को फटकार लगाई। दिल्ली में जल और वायु प्रदूषण के मुद्दों पर 'आरोप-प्रत्यारोप' के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों की आलोचना की है।प्रदूषण को लेकर सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों को गैस चैंबरों में रहने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है? उन सभी को एक बार में मारना बेहतर है, एक बार में 15 बैग में विस्फोटक करके शहर को उड़ा दो। लोगों को यह सब क्यों भुगतना चाहिए? खेल चल रहा है, मैं सचमुच हैरान हूं। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में जल प्रदूषण का गंभीरता से संज्ञान लिया और कहा कि लोगों को शुद्ध जल पाने का अधिकार है।