Vikrant Shekhawat : Apr 11, 2021, 06:17 AM
महाराष्ट्र के कोल्हापुर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। दो युवतियों को शादी के बाद कथित तौर पर उनके पतियों ने वर्जिनिटी टेस्ट (कौमार्य परीक्षण) कराने के लिए बाध्य किया। इसके बाद जब एक युवती कथित तौर पर उसमें फेल हो गई तो पंचायत ने उनके पतियों को उनसे तलाक लेने की इजाजत दे दी। अब दोनों बहनों ने पंचायत और अपने अपने पतियों के खिलाफ कानून का दरवाजा खटखटाया है।
दोनों ही बहन कोल्हापुर के कंजरभट समुदाय से हैं। दोनों ने नवंबर 2020 में एक ही समुदाय के दो पुरुषों से शादी कर ली थी। अपने शिकायत में पीड़िता ने कहा है कि विवाह के बाद समुदाय की परंपरा के अनुसार दोनों बहनों का वर्जिनिटी टेस्ट (कौमार्य परीक्षण) किया गया था। एक बहन उस टेस्ट में कथित तौर पर पास हो गई जबकि दूसरी के फेल होने पर उस पर शादी से पहले संबंध बनाने का आरोप लगाया गया। पीड़ित बहनों ने बताया, 'हमने कर्नाटक के बेलगाम में शादी की और शादी के चार दिन बाद ही हमें ससुराल वालों के हाथों यातना का शिकार होना पड़ा। हमें कौमार्य परीक्षण से गुजरने के लिए कहा गया और पांचवें दिन कर्नाटक से वापस कोल्हापुर हमारे घर भेज दिया गया। हमारे परिवार ने ससुराल वालों की हर डिमांड को पूरी करने की कोशिश की लेकिन इससे भी चीजें बेहतर नहीं हुईं।'' उन्होंने कहा, 'बाद में फरवरी के महीने में सामुदायिक पंचायत ससुराल वालों की मौजूदगी में घोषित कर दिया गया कि हमारा तलाक हो चुका है। इसलिए हम बहनों ने मदद के लिए एक महिला एसोसिएशन से संपर्क किया और बाद में अपने पतियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता की मां ने इस मामले में सहायता के लिए महाराष्ट्र अंधविश्वास निर्मूलन समिति से संपर्क किया और फिर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।अंधविश्वास निर्मूलन समिति की सुजाता मेत्रे ने कहा कि उनकी मांग है कि दोनों बहनों के पतियों के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया जाए। उन्होंने लड़कियों का शारीरिक शोषण किया है इसलिए बलात्कार का केस दर्ज होना जरूरी है। मेत्रे के मुताबिक महिलाओं के लिए कौमार्य परीक्षण जैसे घृणित और अशोभनीय कार्य के लिए ऐसे सामुदायिक पंचायतों को समाप्त करने की आवश्यकता है। पुलिस ने इस मामले में पति और ससुराल वालों सहित आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और आगे की जांच की जा रही है।
दोनों ही बहन कोल्हापुर के कंजरभट समुदाय से हैं। दोनों ने नवंबर 2020 में एक ही समुदाय के दो पुरुषों से शादी कर ली थी। अपने शिकायत में पीड़िता ने कहा है कि विवाह के बाद समुदाय की परंपरा के अनुसार दोनों बहनों का वर्जिनिटी टेस्ट (कौमार्य परीक्षण) किया गया था। एक बहन उस टेस्ट में कथित तौर पर पास हो गई जबकि दूसरी के फेल होने पर उस पर शादी से पहले संबंध बनाने का आरोप लगाया गया। पीड़ित बहनों ने बताया, 'हमने कर्नाटक के बेलगाम में शादी की और शादी के चार दिन बाद ही हमें ससुराल वालों के हाथों यातना का शिकार होना पड़ा। हमें कौमार्य परीक्षण से गुजरने के लिए कहा गया और पांचवें दिन कर्नाटक से वापस कोल्हापुर हमारे घर भेज दिया गया। हमारे परिवार ने ससुराल वालों की हर डिमांड को पूरी करने की कोशिश की लेकिन इससे भी चीजें बेहतर नहीं हुईं।'' उन्होंने कहा, 'बाद में फरवरी के महीने में सामुदायिक पंचायत ससुराल वालों की मौजूदगी में घोषित कर दिया गया कि हमारा तलाक हो चुका है। इसलिए हम बहनों ने मदद के लिए एक महिला एसोसिएशन से संपर्क किया और बाद में अपने पतियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता की मां ने इस मामले में सहायता के लिए महाराष्ट्र अंधविश्वास निर्मूलन समिति से संपर्क किया और फिर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।अंधविश्वास निर्मूलन समिति की सुजाता मेत्रे ने कहा कि उनकी मांग है कि दोनों बहनों के पतियों के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया जाए। उन्होंने लड़कियों का शारीरिक शोषण किया है इसलिए बलात्कार का केस दर्ज होना जरूरी है। मेत्रे के मुताबिक महिलाओं के लिए कौमार्य परीक्षण जैसे घृणित और अशोभनीय कार्य के लिए ऐसे सामुदायिक पंचायतों को समाप्त करने की आवश्यकता है। पुलिस ने इस मामले में पति और ससुराल वालों सहित आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और आगे की जांच की जा रही है।