Vikrant Shekhawat : Mar 09, 2024, 10:30 AM
Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है. कई नेता पाला बदलने में लगे हुए हैं. साथ ही साथ बीजेपी-कांग्रेस अपने-अपने गठबंधन को मजबूत करने में जुटे हुए हैं. इस बीच बीजेपी का ओडिशा में नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (बीजेडी) से गठबंधन पूरा नहीं हो पाया है. दोनों दलों की बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला है. इसके बाद पार्टी ने राज्य की सभी सीटों पर अकेले दम पर चुनाव लड़ने की बात कही है. इसके बाद सियासी गलियारों में सरगर्मी बढ़ गई है.ओडिशा बीजेपी का कहना है कि पार्टी आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ने वाली है. ये बयान ऐसे समय आया है जब बीजेडी के साथ गठबंधन को लेकर दिल्ली में हुई बैठक बेनतीजा रही है. दोनों पार्टियां एक-दूसरे की मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं हुई हैं. बीते दिन बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल दिल्ली दौरे के बाद ओडिशा लौट गए हैं. उनका दावा है कि गठबंधन की कोई बात नहीं हुई है और बीजेपी अकेले चुनाव लड़ेगी.बीजेपी खुलकर आई सामने, बीजेडी ने साधी चुप्पीउन्होंने कहा, ‘हम राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारियों पर केंद्रीय नेताओं के साथ चर्चा करने के लिए दिल्ली गए थे. बैठक के दौरान किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन या सीट बंटवारे पर कोई बातचीत नहीं हुई.’ उन्होंने कहा कि ओडिशा में बीजेपी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी और जीत हासिल करेगी. वहीं, बीजेडी नेता वीके पांडियन और प्रणब प्रकाश दास भी गठबंधन की चर्चा को लेकर दिल्ली आए थे. वे भी भुवनेश्वर लौट गए हैं. हालांकि, उन्होंने गठबंधन की बातचीत को लेकर कोई बयान नहीं दिया है और चुप्पी साध ली हैपीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी और बीजेडी गठबंधन के लिए सहमत तो हुईं, लेकिन दोनों अब सीटों में अधिक हिस्सेदारी की मांग कर रही हैं. बीजेडी की मांग है कि ओडिशा की 147 विधानसभा सीटों में से उसे 100 से ज्यादा सीटें दी जाएं. एक बीजेपी नेता का कहना है कि बीजेडी लगभग 75 फीसदी विधानसभा सीटों की मांग कर रही है, जोकि उन्हें स्वीकार्य नहीं है. इस स्थिति में पार्टी की संभावनाओं पर गलत असर पड़ेगा.बीजेडी ने सूबे की 21 लोकसभा सीटों में से 14 पर चुनाव लड़ने की मांग रखी, जिसे बीजेपी ने स्वीकार करने से मना कर दिया है. पार्टी इसके लिए तैयार नहीं है. बीजेडी के एक नेता का कहना है कि अगर उनकी पार्टी 10 लोकसभी सीटों से कम पर लड़ेगी तो उनके लिए ये सुसाइड करने जैसा होगा. नवीन पटनायक की पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव में 112 सीटों पर जीत हासिल की थी और 12 लोकसभा सीटों पर विजय पताका फहराई थी, जबकि आठ सीटें जीती थी.नवीन पटनायक और बीजेपी रह चुके हैं साथऐसा नहीं है कि बीजेपी और बीजेडी के बीच पहली बार गठबंधन हो रहा था. दोनों पार्टियां पहले एक-दूसरे की साथी रही हैं. बीजेपी और बीजेडी 1998 से लेकर 2009 तक एक-दूसरे के साथ थीं. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में नवीन पटनायक इस्पात और खान मंत्री रह चुके हैं. दोनों पार्टियों ने साथ रहते हुए 1998 के लोकसभा चुनावों में 48.7 फीसदी वोट हासिल किए थे और 21 में से 17 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी. इसके बाद गठबंधन ने 1999 में 19 सीटें जीतीं, जबकि 2004 में 18 मिली थीं.