Vikrant Shekhawat : Sep 06, 2021, 09:36 AM
बेंगलुरु: कर्नाटक राज्य के बेंगलुरु जिले में 107 से भी अधिक भाषाएं बोली जाती है. इसका पता साल 2011 के जनगणना के हालिया विश्लेषण में सामने आई है. 2011 के जनगणना का यह विश्लेषण दो शिक्षाविदों ने किया है.उनके विशलेषण के अनुसार बेंगलुरु में करीब 107 भाषाएं बोली जाती हैं. जिनमें 22 अनुसूचित और 84 गैर अनुसूचित भाषाएं शामिल है. 2011 जनगणना के अनुसार ब्रुकिंग्स इंस्टट्यूशन के एक नॉन रेजिडेंट सीनियर फेलो शमिका रवि और भारतीय सांख्यिकी संस्थान अर्थशास्त्र के असोसिएट प्रोफेसर मुदित कपूर ने किए.बेंगलुरु में कन्नड़ बोली जाती है 44 फीसदीबेंगलुरु की अगर सभी भाषाएं को देखें तो यहां सबसे ज्यादा कन्नड़ 44 फीसदी लोग बोलते हैं. इसके बाद तमिल 15 प्रतिशत, तेलुगु 14 प्रतिशत, हिंदी 6 प्रतिशत जैसी कई भाषाएं बोली जाती है. विश्लेषणकर्ता ने बताया है कि जनगणना में सभी भाषाओं को शामिल किया गया है. भले ही इसके बोले जाने वाले लोग कम हो या ज्यादा. भाषा विविधता गतिशीलता लाती है और इससे आर्थिक परिणाम सामने आते हैं.इन शहरों में बोली जाती है 100 से ज्यादा भाषाएंबेंगलुरु के अलावा देश के अन्य शहरों की बात करें जहां 100 से ज्यादा भाषाएं बोली जाती हैं उनमें नगालैंड के दीमापुर में 103 और असम में 101 भाषाएं है. वहीं सबसे कम भाषा बोले जाने वाले शहर को देखें तो यनम के पुदुचेरी, बिहार के कैमूर, उत्तर प्रदेश कौशाम्बी और कानपुर देहात और तमिलनाडु के अरियालुर शामिल हैं. देश के इन राज्यों के जिलों में 20 से कम भाषाएं बोली जाती है.ज्यादा भाषा आर्थिक गतिशीलता का है मार्करलेखक ने कहा प्रतिभा के लिए भाषा एक अच्छी प्रॉक्सी है. गतिशीलता, ऑर्थिक गतिशीलता का एक अच्छी मार्कर है. जब अलग अलग भाषा बोलने वाले लोग एक जगह पर रहते हैं तो वहां रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं और वहां की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है. विश्लेषणकर्ता ने यह भी बताया कि अमेरिका के न्यूयार्क में 600 से अधिक भाषाएं बोली जाती है.