Vikrant Shekhawat : Nov 04, 2023, 06:00 AM
Space Science: अक्सर कहा जाता है कि धरती के नीचे पाताल लोक है. हालिया रिसर्च में वैज्ञानिकों ने पाताल लोक से जुड़ी कई दिलचस्प जानकारियां दी हैं. वैज्ञानिकों का कहना है धरती के नीचे दो पाताल लोक हैं. ये किसी भी सामान्य ठोस वस्तु के मुकाबले कई गुना घने हैं. वैज्ञानिकों ने इसे ब्लॉब नाम दिया है. यह दावा अमेरिका, चीन और इंग्लैंड के वैज्ञानिकों ने अपनी हालिया रिसर्च में किया है.वैज्ञानिकों का दावा है कि ये पाताल लोक धरती के मेंटल के नीचे 2900 किमी. की गहराई में मौजूद हैं. जानिए कैसे हुआ इनका निर्माण और कहां है इनकी लोकेशन.ऐसे हुआ पाताल लोक का निर्माणचाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की टीम ने पृथ्वी की गहराई में दबे दो पताल लोक की खोज की है. इनका निर्माण 4.5 अरब साल पहले हुआ था. ये तब बने थे जब पृथ्वी का निर्माण हुआ था. यह उस दौर की बात है जब मंगल के आकार के थिया ग्रह और प्राचीन धरती की टक्कर हुई थी. इस टक्कर के बाद मलबे से चांद का निर्माण हुआ.शंघाई एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जरवेटरी के वैज्ञानिक हॉन्गपिंग डेंग का कहना है कि दोनों पाताल लोक धरती के निर्माण के दौरान ही बने थे. पिछले 450 करोड़ सालों में धरती में बदलाव होता रहा है. धरती की लेयर यानी मेंटल इसी बदलाव का उदाहरण है.कहां हैं ये पाताल लोक?रिसर्च रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि धरती के अंदर कई पाताल लोक हैं. इसमें दो की पुष्टि हुई है. पहला पाताल लोक अफ्रीका महाद्वीप की गहराई में है. वहीं, दूसरा पाताल लोक दक्षिण प्रशांत महासागर के नीचे बताया गया है. ये तब बने जब पृथ्वी और ग्रह या उल्कापिंड की टक्कर हुई. इन पाताल लोक ने धरती को घेर रखा है. जिसे लार्ज लो-शीयर-वेलोसिटी प्रोविंस (LLVPs) कहते हैं.कैसे मिली जानकारी?वैज्ञानिकों को इन पाताल लोक की जानकारी तब मिली जब वो भूकंप की लहरों का अध्ययन कर रहे थे. ऐसा इसलिए क्योंकि भूकंप की लहरें धरती की अलग-अलग चीजों से अलग तरह से रिएक्ट करती हैं.रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाताल लोक का घनत्व उसके पास मौजूद चीजों से 2 से 3.5 गुना ज्यादा है. रिसर्च में दौरान इसमें लोहे की मात्रा भी पाई गई है.वैज्ञानिकों का कहना है कि भविष्य में इससे जुड़ी कई दिलचस्प जानकारियां सामने आ सकती हैं. पृथ्वी से जुड़े कई रहस्यों के जवाब मिल सकते हैं. पाताल लोक में लोहा मिलने की जानकारी से वैज्ञानिक खुश हैं. उनका मानना है कि यह प्रमाण है कि यहां से कई दिलचस्प जानकारियां सामने आ सकती हैं.यह रिसर्च पृथ्वी की आंतरिक संरचना, उसके विकसित होने तरीके और सौर मंडल की निर्माण प्रक्रिया को लेकर कई दिलचस्प बातें बताती है.