Vikrant Shekhawat : Nov 25, 2024, 01:00 AM
Mars Planet: मंगल ग्रह पर वैज्ञानिकों ने एक ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। सैकड़ों वर्षों से वैज्ञानिक जिस पानी की खोज कर रहे थे, उसके सबसे पुराने प्रमाण अब सामने आए हैं। यह खोज मंगल पर जीवन की संभावना को नए आयाम देती है और लाल ग्रह के भूगर्भीय इतिहास को बेहतर समझने का मार्ग प्रशस्त करती है।
मंगल पर पानी का रहस्य
पृथ्वी पर पानी का इतिहास लगभग 4.3 अरब वर्षों तक फैला हुआ है। पानी यहां सतह, वातावरण और चट्टानों में मौजूद है। लेकिन मंगल पर पानी का इतिहास अब तक अनिश्चित रहा है। पानी का वहां पहली बार कब, कहां और कितनी मात्रा में होना शुरू हुआ, यह सवाल लंबे समय से वैज्ञानिकों के शोध का केंद्र रहा है।मंगल ग्रह पर पानी का पहला प्रमाण
वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह से आए उल्कापिंडों का अध्ययन किया है। इन उल्कापिंडों में मौजूद खनिज जिरकोन (zircon) का विश्लेषण करते हुए पता चला कि मंगल पर 4.45 अरब वर्ष पहले, जब जिरकोन क्रिस्टल बना था, पानी मौजूद था। यह खोज हाल ही में साइंस एडवांसेज पत्रिका में प्रकाशित हुई है और इसे अब तक के सबसे पुराने प्रमाणों में से एक माना जा रहा है।मंगल का भूगर्भीय इतिहास
मंगल का निर्माण 4.5 अरब वर्ष पहले हुआ था। उसके भूवैज्ञानिक इतिहास को चार प्रमुख कालों में विभाजित किया गया है:- अमेजोनियन काल (तीन अरब वर्ष पहले से वर्तमान तक)
- हेस्पेरियन काल (तीन अरब से 3.7 अरब वर्ष पहले)
- नोआचियन काल (3.7 अरब से 4.1 अरब वर्ष पहले)
- प्री-नोआचियन काल (4.1 अरब से 4.5 अरब वर्ष पहले)
पानी का प्रारंभिक दौर: प्री-नोआचियन काल
वैज्ञानिकों का मानना है कि प्री-नोआचियन काल में मंगल ग्रह पर व्यापक पानी मौजूद था। इस दौरान ग्रह की सतह पर संभवतः एक वैश्विक महासागर था।पानी के प्रमाण: मंगल पर कब और कैसे मिले?
- 1970 का दशक: पहला सबूत
1970 के दशक में नासा के मेरिनर 9 मिशन ने मंगल की सतह पर नदी घाटियों की तस्वीरें लीं। ये तस्वीरें पहली बार यह संकेत देती थीं कि मंगल पर कभी पानी बहता था। - बाद के मिशन
मार्स ग्लोबल सर्वेयर और मार्स एक्सप्रेस जैसे ऑर्बिटर मिशनों ने सतह पर हाइड्रेटेड क्ले मिनरल्स की मौजूदगी दर्ज की। ये खनिज पानी की उपस्थिति के बिना नहीं बन सकते। - नदी घाटियां और बाढ़ मार्ग
नोआचियन काल के क्षेत्रों में नदी घाटियां और हाइड्रेटेड मिट्टी के खनिज पाए गए, जो मंगल की सतह पर दीर्घकालिक पानी की उपस्थिति का संकेत देते हैं। हेस्पेरियन काल के दौरान भी सतह पर भूजल के निकलने से बड़े बाढ़ मार्ग बने। - नया अध्ययन: उल्कापिंडों में पानी
हाल के अध्ययन में मंगल से आए उल्कापिंडों में पानी के प्राचीन प्रमाण मिले हैं। यह संकेत करता है कि मंगल पर पानी उसके बनने के तुरंत बाद ही मौजूद था।