CSK vs KKR / 60 रन बनाना भी इस टीम के साथ मुश्किल... ये क्या बोल गए एमएस धोनी?

आईपीएल 2025 में चेन्नई सुपर किंग्स ने कप्तानी में बदलाव किया। केकेआर के खिलाफ 11 अप्रैल को धोनी कप्तान के रूप में लौटे, पर टीम हार गई। धोनी ने धीमी शुरुआत, कमजोर साझेदारियों और आत्मविश्लेषण की जरूरत पर सवाल उठाए। CSK प्लेऑफ की दौड़ में पिछड़ रही है।

CSK vs KKR: आईपीएल 2025 का सीजन चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के लिए अब तक किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा है। इस सीजन में टीम के लगातार खराब प्रदर्शन और पांच मैचों में हार के बाद प्रबंधन ने एक बड़ा फैसला लिया—कप्तानी में बदलाव। 11 अप्रैल को कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के खिलाफ खेले गए मुकाबले में एक बार फिर एमएस धोनी को कप्तानी की जिम्मेदारी सौंपी गई। साल 2023 के बाद यह पहला मौका था जब 'कैप्टन कूल' धोनी ने मैदान पर फिर से कप्तानी संभाली, लेकिन परिणाम उम्मीद के खिलाफ ही रहा।

शर्मनाक प्रदर्शन और बढ़ती चिंताएं

कोलकाता के खिलाफ चेन्नई की टीम पूरी तरह से बिखरी हुई नजर आई। पावरप्ले के छह ओवरों में ही CSK ने दो विकेट गंवाकर सिर्फ 31 रन बनाए। जब मुकाबले में तेज शुरुआत की जरूरत थी, टीम सुस्त और रक्षात्मक नजर आई। अंततः, चेन्नई को करारी हार का सामना करना पड़ा और प्लेऑफ की दौड़ में उसकी स्थिति और भी कमजोर हो गई।

धोनी का टीम पर तीखा बयान

मैच के बाद धोनी ने टीम के प्रदर्शन पर खुलकर बात की और कई अहम बिंदुओं पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा:

"हमें कोई बड़ी साझेदारी नहीं मिली। थोड़ी और साझेदारियां होतीं तो हम ठीक हो सकते थे। बल्लेबाजों को अपनी ताकत का समर्थन करना होगा और जो शॉट वे खेल सकते हैं, उन्हें आत्मविश्वास के साथ खेलना होगा। हमारे सलामी बल्लेबाज ऑथेंटिक शॉट्स खेलते हैं लेकिन जरूरी है कि स्कोरबोर्ड देखकर दबाव में न आएं।"

धोनी ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर टीम इसी तरह की धीमी शुरुआत करती रही, तो बड़े स्कोर का पीछा करना या उसे बनाना मुश्किल होता जाएगा।

आत्मचिंतन की जरूरत

धोनी ने खिलाड़ियों को चेतावनी दी कि अब वक्त है कि वे अपनी गलतियों से सीखें और उनमें सुधार करें। उन्होंने कहा:

"इस सीजन में बार-बार चीजें हमारे पक्ष में नहीं गई हैं। हमें यह देखने की जरूरत है कि हम कहां गलत कर रहे हैं और उन गलतियों को सुधारना होगा। गेंद रुक कर आ रही थी और ऐसे में विकेट बचा कर रखना जरूरी होता है।"

अब आगे क्या?

कप्तानी में बदलाव के बावजूद CSK का संतुलन अभी भी गड़बड़ाया हुआ नजर आ रहा है। टीम को अब न सिर्फ रणनीति पर दोबारा विचार करना होगा, बल्कि मानसिक मजबूती और आक्रामकता के साथ मैदान में उतरने की भी जरूरत है। धोनी की कप्तानी में उम्मीदें फिर से जागी थीं, लेकिन अगर प्रदर्शन में बदलाव नहीं आया, तो यह सीजन चेन्नई सुपर किंग्स के इतिहास में सबसे निराशाजनक साबित हो सकता है।