- भारत,
- 14-Apr-2025 08:15 PM IST
IPL 2025: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 में एक नया दृश्य देखने को मिल रहा है। अंपायर अब बीच मैदान पर खिलाड़ियों के बल्लों की जांच कर रहे हैं। आमतौर पर यह प्रक्रिया ड्रेसिंग रूम में पारी शुरू होने से पहले होती थी, लेकिन इस बार शिमरॉन हेटमायर, फिल सॉल्ट और हार्दिक पंड्या जैसे खिलाड़ियों के बल्ले मैदान पर ही चेक किए गए। सवाल उठता है कि आखिर बीसीसीआई ने यह बदलाव क्यों किया? क्या खिलाड़ी बड़े साइज के बल्लों का इस्तेमाल कर रहे थे, या इसके पीछे कोई और वजह है?
बीसीसीआई का नया नियम: अंपायरों को मिला जांच का अधिकार
बीसीसीआई ने इस सीजन में अंपायरों को विशेष अधिकार दिया है कि वे मैच के दौरान किसी भी समय बल्ले की जांच कर सकते हैं, अगर उन्हें लगे कि यह जरूरी है। पहले यह जांच ड्रेसिंग रूम तक सीमित थी, जहां खिलाड़ी अपने बल्ले जमा करते थे। लेकिन अब मैदान पर अचानक बल्ला मांगकर उसकी जांच हो रही है। इससे एक नया सवाल उठता है: क्या खिलाड़ी जांच के लिए एक बल्ला देते हैं और मैदान पर दूसरा इस्तेमाल करते हैं?
पूर्व अंपायर ने जताई हैरानी
एक पूर्व बीसीसीआई अंपायर, जिन्होंने 100 से ज्यादा आईपीएल और कई अंतरराष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग की है, ने इस बदलाव पर हैरानी जताई। पीटीआई से बातचीत में उन्होंने कहा, "अंपायरों के पास 'हाउस-शेप्ड' बैट गेज होता है, जिसमें बल्ले को फिट करना होता है। अगर बल्ला गेज में फिट हो जाता है, तो वह नियमों के मुताबिक माना जाता है। पहले यह प्रक्रिया ड्रेसिंग रूम में पूरी हो जाती थी। लेकिन अगर कोई खिलाड़ी जांच के लिए एक बल्ला देकर दूसरा इस्तेमाल कर रहा था, तो यह नया नियम सही कदम है।"
उन्होंने आगे बताया कि खिलाड़ी कई बल्ले रखते हैं, जिनका वजन अलग-अलग हो सकता है। लेकिन बल्ले की लंबाई, चौड़ाई, मोटाई और किनारे का साइज आईसीसी के नियमों के तहत होना चाहिए।
आईसीसी के बल्ले से जुड़े नियम
आईसीसी ने बल्ले के साइज को लेकर सख्त नियम बनाए हैं:
- चौड़ाई (फेस): अधिकतम 10.79 सेमी (4.25 इंच)
- मिडिल पार्ट की मोटाई: अधिकतम 6.7 सेमी (2.64 इंच)
- किनारे की मोटाई: अधिकतम 4 सेमी (1.56 इंच)
- कुल लंबाई: अधिकतम 96.4 सेमी (38 इंच)
इन नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए अंपायर अब मैदान पर भी जांच कर रहे हैं।
किन खिलाड़ियों के बल्ले चेक हुए?
रविवार को राजस्थान रॉयल्स के शिमरॉन हेटमायर, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के फिल सॉल्ट और मुंबई इंडियन्स के हार्दिक पंड्या के बल्लों की जांच हुई। अच्छी बात यह रही कि सभी बल्ले नियमों के मुताबिक पाए गए। हालांकि, बीसीसीआई ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या किसी खिलाड़ी पर नियम तोड़ने का शक था, जिसके चलते यह प्रक्रिया शुरू की गई।
पावर-हिटिंग का दौर और बल्ले का रोल
आजकल टी20 क्रिकेट में पावर-हिटिंग का बोलबाला है। बल्ले की थोड़ी सी अतिरिक्त मोटाई या चौड़ा किनारा मिस-हिट को भी छक्के में बदल सकता है। आईपीएल 2025 में अब तक 525 छक्के लग चुके हैं, जिनमें वेस्टइंडीज के निकोलस पूरन ने अकेले 31 छक्के जड़े हैं। ऐसे में अगर कोई खिलाड़ी नियमों से बाहर जाकर बल्ले का इस्तेमाल करता है, तो यह खेल की निष्पक्षता पर सवाल उठाता है।
क्या यह कदम सही है?
बीसीसीआई का यह नया नियम खेल की पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा सकता है। अगर खिलाड़ी नियमों का पालन नहीं कर रहे थे, तो बीच मैदान पर जांच उन्हें ऐसा करने से रोकेगी। साथ ही, यह दर्शकों और प्रशंसकों को भी भरोसा दिलाता है कि खेल पूरी ईमानदारी के साथ खेला जा रहा है।
हालांकि, कुछ लोग इसे खिलाड़ियों के लिए असुविधाजनक मान सकते हैं, क्योंकि बीच मैच में बल्ले की जांच से उनकी एकाग्रता प्रभावित हो सकती है। लेकिन जब तक यह प्रक्रिया सभी के लिए समान रूप से लागू होती है, तब तक इसे खेल के हित में ही देखा जाना चाहिए।