India-US Trade Deal / भारत-अमेरिका के बिच 19 चैप्टर की है ट्रेड डील, जल्द मिल सकती है खुशखबरी

भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए 19 चैप्टर शामिल टीओआर पर सहमति बनी। शुल्क, गैर-शुल्क बाधाएं और सीमा शुल्क सुविधा जैसे मुद्दे शामिल। 90 दिन के भीतर समझौता संभव। 23 अप्रैल से वाशिंगटन में तीन दिवसीय वार्ता शुरू होगी।

India-US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement - BTA) को लेकर एक नई उम्मीद जगी है। दोनों देशों ने इस ऐतिहासिक समझौते के लिए टर्म्स ऑफ रेफरेंसेज (टीओआर) को अंतिम रूप दे दिया है, जिसमें लगभग 19 चैप्टर शामिल किए गए हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इन चैप्टरों में शुल्क, वस्तुओं का व्यापार, गैर-शुल्क बाधाएं, सीमा शुल्क सुविधा, उत्पत्ति के नियम और विनियामक मसले जैसे अहम बिंदु शामिल हैं।

अगला पड़ाव: वाशिंगटन में आमने-सामने की वार्ता

प्रस्तावित समझौते को मूर्त रूप देने के उद्देश्य से एक उच्च स्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल अगले सप्ताह अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन का दौरा करेगा। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वाणिज्य विभाग में अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल करेंगे, जो 18 अप्रैल को अगले वाणिज्य सचिव के रूप में नियुक्त किए गए हैं और एक अक्टूबर से पदभार संभालेंगे।

यह दौरा तब हो रहा है जब भारत और अमेरिका के बीच 90 दिनों की शुल्क रोक की समयसीमा चालू है, जिसे दोनों देश सकारात्मक चर्चा के लिए एक अवसर के रूप में देख रहे हैं।

तीन दिवसीय मैराथन बैठकें: दिशा तय करेगी चर्चा

23 अप्रैल से शुरू होने वाली तीन दिवसीय वार्ता के दौरान दोनों पक्ष व्यापार समझौते की प्रारंभिक रूपरेखा और कार्यक्रम पर चर्चा करेंगे। यह बातचीत महत्वाकांक्षा के स्तर, बाधाओं को खत्म करने, नियामक मुद्दों और रूपरेखा को अंतिम रूप देने पर केंद्रित होगी।

वार्ता का उद्देश्य यह तय करना भी होगा कि 90 दिनों के भीतर किन प्राथमिक मुद्दों पर सहमति बनाई जा सकती है और किन बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की आवश्यकता होगी। इस बातचीत को लेकर यह उम्मीद की जा रही है कि अंतरिम समझौते को भी जल्द अंतिम रूप दिया जा सकता है।

व्यापार सहयोग की नई ऊंचाइयों की ओर

भारत और अमेरिका ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। वर्तमान में यह व्यापार लगभग 191 अरब डॉलर पर है। इस समझौते से न केवल व्यापारिक बाधाएं कम होंगी बल्कि नवाचार, निवेश, और तकनीकी सहयोग के भी नए रास्ते खुल सकते हैं।

मार्च में दोनों देशों के बीच बातचीत की शुरुआत हुई थी, और इसके बाद अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच का भारत दौरा इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुआ। उन्होंने 25 से 29 मार्च के बीच भारतीय अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की थी।

भारत की नीति: तेज़, स्पष्ट और सहयोगात्मक

भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल पहले ही कह चुके हैं कि भारत इस वार्ता को जल्द से जल्द सकारात्मक नतीजों तक पहुंचाने का प्रयास करेगा। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भारत अब व्यापार उदारीकरण की दिशा में ठोस कदम उठा रहा है।