India GDP Growth / Moody's का बदल गया मूड, 2025 की भारत के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान में कर दिया ये उलटफेर

मूडीज एनालिटिक्स ने अमेरिका के बढ़ते टैरिफ खतरों के चलते भारत की 2025 की जीडीपी ग्रोथ दर का अनुमान 6.4% से घटाकर 6.1% कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू मांग प्रमुख सहारा बनेगी, जबकि आरबीआई से 0.25% दर कटौती की संभावना जताई गई है।

India GDP Growth: ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज एनालिटिक्स ने गुरुवार को 2025 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर के अनुमान में कटौती कर दी है। एजेंसी ने अपने पूर्वानुमान को 6.4 प्रतिशत से घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया है। यह संशोधन अमेरिका की आक्रामक व्यापार नीतियों और पारस्परिक टैरिफ के बढ़ते खतरों को ध्यान में रखते हुए किया गया है।

वैश्विक व्यापार तनाव का प्रभाव

'एपीएसी आउटलुक: यू.एस. वर्सेस देम' शीर्षक वाली रिपोर्ट में मूडीज ने चेताया है कि वैश्विक व्यापार में अस्थिरता और अमेरिका द्वारा टैरिफ में बढ़ोतरी जैसे कदम भारत की आर्थिक संभावनाओं पर प्रभाव डाल सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, खासकर रत्न और आभूषण, चिकित्सा उपकरण और कपड़ा जैसे उद्योग सबसे अधिक प्रभावित होंगे।

हालांकि, एजेंसी का यह भी मानना है कि भारत की समग्र आर्थिक वृद्धि को बड़ा झटका नहीं लगेगा, क्योंकि बाहरी मांग भारत की जीडीपी का अपेक्षाकृत छोटा हिस्सा है। इससे यह उम्मीद की जा रही है कि घरेलू खपत भारत की विकास दर को स्थिर बनाए रखने में मदद करेगी।

ब्याज दरों में संभावित कटौती

मूडीज ने अनुमान जताया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) मौद्रिक नीति में और नरमी अपना सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती संभव है, जिससे यह 5.75 प्रतिशत पर आ सकता है। इससे घरेलू निवेश और खपत को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जो अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम कर सकती है।

इसके साथ ही, वर्ष की शुरुआत में घोषित कर प्रोत्साहन योजनाएं भी घरेलू मांग को बल देने में सहायक साबित हो सकती हैं।

अमेरिका की नीति में अस्थायी राहत

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में 90 दिनों के लिए पारस्परिक टैरिफ को स्थगित करने की घोषणा की है। यह कदम उन 75 देशों पर लागू होने वाले टैरिफ को लेकर है, जिनके साथ अमेरिका का व्यापार असंतुलन है। भारत को भी इससे अस्थायी राहत मिली है, क्योंकि अमेरिका को निर्यात पर लगने वाले 26 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क को फिलहाल टाल दिया गया है।

हालांकि, चीन पर अमेरिकी टैरिफ की सख्ती जारी है, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव बना हुआ है और यह भारत के लिए भी अप्रत्यक्ष जोखिम पैदा करता है।

घरेलू भावनाएं और निवेश पर असर

मूडीज ने चेताया है कि लगातार बढ़ती अनिश्चितता और अस्थिर शेयर बाजार घरेलू और व्यावसायिक मनोबल को कमजोर कर रहे हैं। जब भविष्य अनिश्चित हो, तो परिवार खर्चों में कटौती करते हैं और व्यवसाय निवेश से पीछे हटते हैं। इससे आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार पर असर पड़ सकता है।