Economy of India / दुनिया कहेगी भारत की कहानी- इकोनॉमी को लेकर जर्मनी से हुई भविष्यवाणी

भारत की जीडीपी ग्रोथ को लेकर वैश्विक वित्तीय संस्थानों का भरोसा बढ़ा है। डॉयचे बैंक और वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति का उल्लेख है। अनुमान के मुताबिक, तीसरी तिमाही में ग्रोथ 6% से अधिक रहेगी। नीतिगत सुधारों से भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत दिशा में आगे बढ़ रही है।

Economy of India: दूसरी तिमाही की जीडीपी ग्रोथ जब आई थी, तब सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के तमाम इकोनॉमिक इंस्टीट्यूशंस के माथे पर बल पड़ गए थे। वर्ल्ड बैंक से लेकर आईएमएफ और दुनियाभर के बैंकों की ओर से भारत की ग्रोथ को लेकर विश्लेषण शुरू हो गया था। लेकिन सभी को एक बात का यकीन था कि आने वाले दिनों में भारत की इकोनॉमी एक बार फिर से खड़ी होगी और दुनिया को चौंका देगी। इंडियन इकोनॉमी की सफलता की गाथा पूरी दुनिया कहेगी। इसकी बानगी जर्मनी के सबसे बड़े बैंकिंग इंस्टीट्यूशंस की रिपोर्ट में देखने को मिली, जिसमें कहा गया कि भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ का बुरा दौर खत्म हो गया है। तीसरी तिमाही में भारत की ग्रोथ 6 फीसदी से सिर्फ ऊपर ही नहीं रहेगी बल्कि दुनिया में सबसे ज्यादा देखने को मिलेगी।

भारत की इकोनॉमी पर वैश्विक भरोसा

भारत की इकोनॉमी पर यह विश्वास दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी के सबसे बड़े बैंकिंग इंस्टीट्यूशंस को यूं ही नहीं है। मौजूदा दौर में देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से लेकर कोर सेक्टर और सर्विस सेक्टर तक में दूसरे देशों के मुकाबले तेजी देखने को मिल रही है। साथ ही यूरोप और अमेरिका के मुकाबले भारत की महंगाई दर तेजी के साथ नीचे आ रही है। इससे स्पष्ट है कि भारत की इकोनॉमी एवं जीडीपी सही दिशा में आगे बढ़ रही है।

जर्मनी से हुई बड़ी भविष्यवाणी

जर्मनी की ब्रोकरेज कंपनी डॉयचे बैंक की एक रिपोर्ट में यह आकलन किया गया है कि इंडियन इकोनॉमी के लिए आर्थिक ग्रोथ के लिहाज से बुरा दौर समाप्त हो गया है। डॉयचे बैंक की बुधवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया कि सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 5.4 प्रतिशत पर आ गई थी, जिससे आर्थिक मजबूती को लेकर चिंताएं थीं। हालांकि, दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.2 फीसदी रहने का अनुमान है। बैंक के विश्लेषकों ने कहा कि भारत की वृद्धि के सबसे खराब दौर का अंत हो गया है, हालांकि आर्थिक गतिविधियों में सुधार के बावजूद, वित्त वर्ष 2025-26 में यह दर 7 फीसदी से नीचे रह सकती है।

अन्य विश्लेषण और अनुमानों की झलक

जीडीपी वृद्धि पर आधिकारिक आंकड़े जारी होने से पहले विभिन्न विश्लेषकों ने भी भविष्यवाणी की है कि 65 प्रमुख आर्थिक संकेतक 6.2 फीसदी की वृद्धि का संकेत दे रहे हैं। एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, तीसरी तिमाही में भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ 6.3 फीसदी रह सकती है। वहीं, एनएसओ का अनुमान भी 6.3 फीसदी ही है।

इकोनॉमी बढ़ाने की योजनाएँ

देश का बैंकिंग रेगुलेटर भी इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए कई कदम उठा रहा है। फरवरी की मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में रेपो रेट को 5 वर्षों में पहली बार घटाया गया, जिससे देश की आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिल सकता है। डॉयचे बैंक का अनुमान है कि भारतीय रिजर्व बैंक अप्रैल में मॉनेटरी पॉलिसी की समीक्षा के दौरान नीतिगत दरों में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है। कुछ जानकारों का कहना है कि मौजूदा कैलेंडर ईयर में छह बार ब्याज दरों में कटौती हो सकती है, जिससे कुल 1.50 फीसदी की कमी देखी जा सकती है।

वर्ल्ड बैंक ने जताया भरोसा

वर्ल्ड बैंक ने भारतीय इकोनॉमी में विश्वास जताते हुए निवेशकों को भारत में निवेश करने की अपील की है। 'एडवांटेज असम 2.0' व्यापार सम्मेलन में वर्ल्ड बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगस्टे तानो कोउमे ने कहा कि वृद्धि दर में मामूली गिरावट के बावजूद, विश्व बैंक भारत की आर्थिक संभावनाओं को लेकर आशान्वित है। उन्होंने कहा कि अगर हालिया आंकड़ों को लेकर किसी को चिंता है, तो वे निश्चिंत रहें। भारत वैश्विक आर्थिक विकास का उज्ज्वल स्थान बना रहेगा और निवेश के लिए एक बेहतरीन जगह है।

निष्कर्ष

भारत की आर्थिक स्थिति तेजी से सुधार की ओर बढ़ रही है, और वैश्विक संस्थानों का इस पर विश्वास इसे और भी मजबूत बना रहा है। चाहे जर्मनी की डॉयचे बैंक की रिपोर्ट हो, भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति या वर्ल्ड बैंक का भरोसा—सभी इस बात का संकेत देते हैं कि भारत की इकोनॉमी जल्द ही विश्व स्तर पर नई ऊंचाइयों को छूने वाली है।