Share Market News / बाजार में होती रही उठा-पटक, निवेशकों ने बना दिया फिर भी रिकॉर्ड!

घरेलू शेयर बाजार में अस्थिरता के बावजूद निवेशकों का भरोसा बना हुआ है। वित्त वर्ष 2024-25 में 84 लाख नए डीमैट खाते जुड़े। ग्रो और एंजल वन की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा रही। ग्रो की बाजार हिस्सेदारी 26.26% तक पहुंची, जबकि एंजल वन की 15.38% रही।

Share Market News: घरेलू शेयर बाजार में इन दिनों काफी उठा-पटक देखने को मिल रही है। बीते एक साल के दौरान कभी बाजार की चाल सुस्त रही, तो कभी इसमें अचानक तेजी दर्ज की गई। इसके बावजूद निवेशकों का बाजार पर भरोसा बना हुआ है, जो भारत के कैपिटल मार्केट में हो रही खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी से साफ झलकता है।

वित्त वर्ष 2024-25 में खुदरा निवेशकों की मजबूती

वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान खुदरा निवेशकों ने बड़े पैमाने पर शेयर बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में 84 लाख से अधिक नए सक्रिय डीमैट खाते जोड़े गए, जो सालाना आधार पर 20.5% की बढ़ोतरी दर्शाते हैं। इसके साथ ही कुल सक्रिय डीमैट खातों की संख्या बढ़कर 4.92 करोड़ हो गई है।

डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की भूमिका रही अहम

इस बढ़ोतरी में डिजिटल ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म्स की भूमिका विशेष रही। ग्रो (Groww) और एंजल वन (Angel One) जैसी डिजिटल ब्रोकरेज कंपनियों ने डीमैट खाता खुलवाने और निवेश को आसान बनाकर खुदरा निवेशकों को बाजार से जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई है। कुल वृद्धि में इन दोनों कंपनियों की हिस्सेदारी 57% से अधिक रही है।

ग्रो: नए निवेशकों की पहली पसंद

ग्रो ने नए निवेशकों को आकर्षित करने में अग्रणी भूमिका निभाई। पिछले साल इस प्लेटफॉर्म से लगभग 34 लाख नए निवेशक बाजार से जुड़े। ग्रो की एनएसई में हुई कुल वृद्धि में 40% की हिस्सेदारी रही। मार्च 2024 में इसका सक्रिय ग्राहक आधार 95 लाख था, जो मार्च 2025 तक बढ़कर 1.29 करोड़ हो गया। इसी अवधि में ग्रो की बाजार हिस्सेदारी भी 23.28% से बढ़कर 26.26% तक पहुंच गई।

एंजल वन और जीरोधा की स्थिर उपस्थिति

ग्रो के बाद एंजल वन का प्रदर्शन भी उल्लेखनीय रहा। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान इसने 14.6 लाख नए डीमैट खाते जोड़े और एनएसई की कुल वृद्धि में 17.38% का योगदान दिया। इसका बाजार में हिस्सा 15.38% रहा।

वहीं, जीरोधा ने इस अवधि में 5.8 लाख नए खाते जोड़े और लगभग 7% वृद्धि में योगदान दिया। साल के अंत तक इसकी बाजार हिस्सेदारी 16% पर पहुंच गई।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने भी शानदार प्रदर्शन किया, जहां इसने सालाना आधार पर 36.78% की बढ़ोतरी दर्ज की और उसका ग्राहक आधार लगभग 14.9 लाख तक पहुंच गया। हालांकि बाजार हिस्सेदारी के लिहाज से यह 3% पर ही रहा।

अनिश्चितताओं के बावजूद सकारात्मक रुझान

शेयर बाजार में मौजूदा उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेशकों का बढ़ता विश्वास और भागीदारी यह दर्शाती है कि भारत में खुदरा निवेश संस्कृति तेजी से मजबूत हो रही है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की भूमिका ने निवेश को सरल और सुलभ बनाकर इस दिशा में बड़ी क्रांति लाई है। आने वाले समय में यदि बाजार की स्थिरता बनी रही, तो खुदरा निवेशकों की यह भागीदारी और भी अधिक गहराई और स्थायित्व प्राप्त कर सकती है।