उत्तर प्रदेश / कुत्ते के बच्चे को बचाने के दौरान यूपी में 9वीं मंज़िल से गिरकर हुई 13-वर्षीय लड़की की मौत

पुलिस के अनुसार, गाज़ियाबाद (उत्तर प्रदेश) में बुधवार को अपने पपी (कुत्ते का बच्चा) के साथ एक आवासीय इमारत की 9वीं मंज़िल से गिरकर 13-वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। दरअसल, पपी बालकनी की आयरन ग्रिल में फंस गया था और उसे बचाने की कोशिश के दौरान लड़की का संतुलन बिगड़ गया था। लड़की अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी।

Vikrant Shekhawat : Aug 26, 2021, 12:41 PM
गाजियाबाद: गोविंदपुरम की गौर होम्स सोसाइटी में कुत्ते को बचाने के चक्कर में 12 वर्षीय बच्ची की नौवीं मंजिल से गिरकर मौत हो गई। हादसे में कुत्ते की भी मौत हो गई। आनन-फानन में बच्ची को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

मूलरूप से काशीपुर निवासी ललित मोहन शर्मा मेरठ रोड इंडस्ट्रियल एरिया स्थित मल्टीनेशनल कंपनी में सेल्स के जीएम हैं। वह करीब दस साल से इकलौती बेटी ज्योत्सना (12) और पत्नी के साथ गोविंदपुरम स्थित गौर होम्स सोसाइटी की नौवीं मंजिल के फ्लैट में रह रहे हैं। बुधवार को रोजाना की तरह ललित मेरठ रोड स्थित अपने ऑफिस चले गए। घर पर पत्नी व बेटी थी। दोपहर करीब सवा 12 बजे ज्योत्सना घर में कुत्ते के साथ खेल रही थी। कुत्ता खेलते-खेलते कमरे से बालकनी में आ गया और रेलिंग में फंस गया। कुत्ते की मदद के लिए ज्योत्सना दौड़ी। कुत्ता निकालने के चक्कर में वह नीचे गिर गई। साथ में कुत्ता भी नीचे गिर गया। बच्ची की चीख सुन सोसायटी के गार्ड और स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे। बच्ची की मां व सोसायटी के लोग उसे सर्वोदय अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

शोर सुनकर मां ने नीचे देखा तो उड़ गए होश

घटना के वक्त ज्योत्सना की मां फ्लैट में काम कर रही थीं। उन्होंने सोचा कि बेटी कुत्ते के साथ दूसरे कमरे में खेल रही है। लेकिन, कुछ देर बाद शोरशराबा होने पर उन्होंने बाहर बालकनी में आकर देखा तो लोग जमीन की तरफ इशारा कर रहे थे। नीचे बेटी को पड़ा देख उनका पैरों तले जमीन खिसक गई। वह जैसे-तैसे नीचे पहुंचीं।

आधा घंटे तक तड़पती रही बच्ची

ललित ने बताया कि उनकी बेटी आधा घंटे तक जमीन पर तड़पती रही। वह उसे अस्पताल ले जाने की गुहार लगाती रही, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। इसी दौरान उन्हें सूचना मिली तो वह दफ्तर से दौड़ पड़े। रास्ते में आते समय वक्त उन्होंने अपने जानकारों को भेज दिया था, जो बेटी को अस्पताल ले गए। ललित मोहन शर्मा का कहना है कि अगर बेटी को तत्काल उपचार मिल जाता तो शायद उनकी बेटी बच जाती।

कलेजे का टुकड़ा जिगर के टुकड़े के साथ विदा

लोगों ने बताया कि पालतू कुत्ते में ज्योत्सना की जान बसती थी। खाली टाइम में वह उसके साथ ही रहती थी। दर्दनाक हादसे में दोनों की एक साथ मौत होने के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ज्योत्सना के माता-पिता ने बिलखते हुए कहा कि उनका कलेजे का टुकड़ा अपने जिगर के टुकड़े के साथ विदा हो गया।

सोसाइटी में छाया मातम

नौवीं मंजिल से गिरकर माता-पिता की इकलौती संतान की मौत होने का पता लगने पर गौर होम्स सोसाइटी में मातम छा गया। स्थानीय लोग गमजदा माता-पिता को ढांढस बंधा रहे थे। सीओ कविनगर अंशु जैन ने बताया कि नौवीं मंजिल से गिरकर बच्ची की मौत हुई है। माता-पिता ने पोस्टमार्टम कराने न कराने की गुहार लगाई, जिसके चलते पंचनामा भर शव उनके सुपुर्द कर दिया गया।