Nitin Gadkari News / 'बस दो साल- भारत का सड़क नेटवर्क अमेरिका के बराबर नहीं, बल्कि बेहतर होगा'- नितिन गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अगले दो वर्षों में भारत का हाईवे नेटवर्क अमेरिका से बेहतर होगा। उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में भी भारत के वैश्विक बढ़त बनाने की बात कही। सरकार चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार रही है और लॉजिस्टिक्स लागत घटाने पर कार्य कर रही है।

Nitin Gadkari News: हाल ही में केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की कि अगले दो वर्षों में भारत का सड़क नेटवर्क अमेरिका से भी बेहतर होगा। यह बयान न केवल भारत के बुनियादी ढांचे में तेजी से हो रहे विकास को दर्शाता है, बल्कि देश की परिवहन व्यवस्था में हो रहे क्रांतिकारी बदलाव की भी पुष्टि करता है।

भारत का हाईवे नेटवर्क: अमेरिका से आगे

गडकरी के अनुसार, भारत में इस समय सड़क क्षेत्र में कोई बड़ी समस्या नहीं है, बल्कि सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदम इस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार की नीतियों और योजनाओं के तहत देशभर में हाईवे निर्माण की गति बढ़ाई जा रही है। वर्तमान में, सरकार का लक्ष्य प्रतिदिन 60 किलोमीटर सड़क निर्माण का है, जो आने वाले समय में भारत को वैश्विक सड़क नेटवर्क में शीर्ष स्थान पर पहुंचाने में मदद करेगा।

इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में क्रांति

गडकरी ने यह भी घोषणा की कि भारत अगले पांच वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के निर्माण और अपनाने में अमेरिका को पछाड़ देगा। सरकार का मुख्य उद्देश्य हरित ऊर्जा को बढ़ावा देना और पारंपरिक ईंधनों पर निर्भरता को कम करना है। इसके तहत देशभर में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

लॉजिस्टिक्स लागत में कटौती

मंत्री ने यह भी कहा कि वे देश की लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वर्तमान में भारत की लॉजिस्टिक्स लागत 14-16 प्रतिशत है, जिसे एकल अंकों में लाने की योजना है। यह कदम भारत को वैश्विक व्यापार में और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में सहायक होगा।

वाहन स्क्रैपिंग नीति और बैटरी उत्पादन

वाहन स्क्रैपिंग नीति को लागू करने के पीछे सरकार का उद्देश्य ऑटोमोबाइल कंपोनेंट की कीमतों में कमी लाना है, जिससे वाहनों की कुल लागत में 30 प्रतिशत तक की गिरावट संभव होगी। यह नीति ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए फायदेमंद साबित होगी और उपभोक्ताओं को किफायती दरों पर वाहन उपलब्ध होंगे।

गडकरी ने यह भी जानकारी दी कि लिथियम-आयन बैटरियों की कीमतों में भारत में गिरावट आई है। अडानी समूह और टाटा जैसी बड़ी कंपनियां भारत में लिथियम-आयन बैटरियों का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने जा रही हैं, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को और अधिक मजबूती मिलेगी।

जम्मू-कश्मीर में लिथियम भंडार: भारत की नई ऊर्जा क्रांति

भारत के लिए एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि यह है कि जम्मू-कश्मीर में दुनिया के कुल लिथियम भंडार का 6 प्रतिशत पाया गया है। इस खोज से भारत में लिथियम-आयन बैटरियों के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा और देश आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाएगा।