देश / 15-18 वर्ष के बच्चे 1 जनवरी से कोविड-19 टीके के लिए कर सकेंगे पंजीकरण: CoWIN प्रमुख

CoWIN प्लैटफॉर्म के प्रमुख डॉ आर.एस. शर्मा ने कहा है कि कोविड-19 टीकाकरण के लिए 15-18 आयु वर्ग के बच्चे 1 जनवरी से CoWIN पर पंजीकरण कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि पंजीकरण के लिए स्टूडेंट आईडी कार्ड का विकल्प जोड़ा गया है क्योंकि हो सकता है कि कई बच्चों के पास आधार या अन्य पहचान पत्र न हों।

Vikrant Shekhawat : Dec 27, 2021, 02:21 PM
COVID-19 vaccines for children: भारत में बच्चों के कोरोना टीकाकरण की तैयारियां तेज हो गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों 15 से 18 वायुवर्ग के बच्चों के टीकाकरण का ऐलान किया था। यह टीकाकरण 3 जनवरी 2022 से शुरू होना है। ताजा खबर यह है कि COVID-19 vaccines for children के लिए रजिस्ट्रेशन की शुरुआत 1 जनवरी 2022 से हो जाएगी। CoWIN प्लेटफॉर्म के प्रमुख डॉ. आरएस शर्मा के मुताबिक, 15-18 वर्ष की आयु के बच्चे 1 जनवरी से CoWIN ऐप पर पंजीकरण कर सकेंगे। इसके लिए CoWIN ऐप पर जरूरी बदलाव किए गए हैं। यहां 10वां आईडी कार्ड जोड़ा गया है। इसे स्टूडेंट आईडी कार्ड नाम दिया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि हो सकता है कि कुछ बच्चों के पास आधार कार्ड या कोई दूसरा पहचान पत्र न हो।

बच्चों का टीकाकरण, जानिए क्या है सरकार की तैयारी

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भारत बायोटेक का कोवैक्सिन 15 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए उपलब्ध एकमात्र वैक्सीन होने की संभावना है। हालांकि ज़ायडस कैडिला की वैक्सीन ZyCoV-D को भी बच्चों के बीच अनुमोदित किया गया है। ZyCoV-D पहला टीका था जिसे बच्चों पर लगाने के लिए मंजूरी मिली थी, लेकिन यह 3 जनवरी से शुरू होने वाले टीकाकरण कार्यक्रम का हिस्सा नहीं हो सकता है क्योंकि इसे अभी तक वयस्कों के लिए भी इस्तेमाल नहीं किया गया है।

टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने रविवार को कहा कि परीक्षण के दौरान कोवैक्सिन से बच्चों में अच्छी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया दिखाई है। न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में डॉ अरोड़ा ने कहा, 12 से 18 साल के बच्चे, खासकर 15 से 18 साल की उम्र के बच्चे, काफी हद तक वयस्कों की तरह होते हैं। देश के भीतर हमारे शोध में यह भी कहा गया है कि भारत में COVID के कारण होने वाली मौतों में से लगभग दो-तिहाई इस आयु वर्ग के हैं। यही कारण है कि बच्चों को वैक्सीन लगाने का निर्णय लिया गया है।