देश / केरल में बाढ़ व भूस्खलन के कारण अब तक 18 लोगों की मौत, कई लापता

अधिकारियों के अनुसार, केरल के कुछ ज़िलों में शनिवार को भारी बरसात के बाद बाढ़ व भूस्खलन के कारण अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है व कई लोग लापता हैं। एनडीआरएफ, थल सेना, वायुसेना और नेवी स्थानीय प्राधिकारियों के साथ मिलकर बचाव अभियान चला रही हैं। आईएमडी ने कहा है कि बारिश अब धीरे-धीरे कम होती जाएगी।

Vikrant Shekhawat : Oct 17, 2021, 11:37 AM
कोट्टयम: केरल के दक्षिण और मध्य हिस्से में शनिवार को भारी बारिश हुई। इसकी वजह से कई स्थानों पर अचानक आई बाढ़ और कई स्थानों पर भूस्खलन से कम से कम अब तक 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब दर्जन भर से अधिक लोग लापता हैं। बारिश के कारण भयावह हुई स्थिति के मद्देनजर राज्य सरकार को राहत और बचाव कार्य के लिए सेना से मदद का अनुरोध करना पड़ा है। देश के इस दक्षिणी राज्य में बारिश जनित घटनाओं की वजह से कई लोग घायल हुए हैं, जबकि कई विस्थापित हुए हैं। राज्य के अधिकतर बांध अपनी पूरी क्षमता से भर चुके हैं और भूस्खलन की वजह से पहाड़ों में बसे कई छोटे कस्बे और गांव शेष दुनिया से कट गए हैं।

कोट्टयम, इडुकी और पथनमथिट्टा जिलों के पहाड़ी इलाकों में कुछ ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हो गई है जैसी स्थिति वर्ष 2018 और 2019 की विनाशकारी बाढ़ के दौरान उत्पन्न हुई थी। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है और भयभीत होने की जरूरत नहीं है। दावे के बावजूद राज्य पुलिस और दमकल विभाग की राहत टीम बाढ़ और खराब मौसम की वजह से प्रभावित इलाकों तक नहीं पहुंच पा रही है। मौसम विभाग की मानें तो आज भी बारिश होगी, मगर पहले की तुलना में कम होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, स्थिति गंभीर

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि स्थिति गंभीर है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नवीनतम मौसम पूर्वानुमान संकेत दे रहा है कि हालात अब इससे अधिक खराब नहीं होंगे। अधिकारियों ने बताया कि थलसेना, वायुसेना और नौसेना के जवान कोट्टयम के कूट्टीकल और इडुकी के पेरुवनथानम पहाड़ी गांव पहुंच रहें हैं। वहां पर नदी कई घरों को बहा ले गई है और कई लोग विस्थापित हुए हैं।

मदद के लिए एमआई- 17 और सारंग हेलीकॉप्टर तैयार

रक्षा प्रवक्ता ने कहा,‘आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एमआई- 17 और सारंग हेलीकॉप्टर पहले ही तैयार रखे गए हैं। केरल में मौसम की स्थिति को देखते हुए वायुसेना की दक्षिणी कमान के सभी अड्डों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।’ प्रवक्ता ने बताया,‘भारतीय थलसेना पहले ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में सैनिकों की तैनाती कर चुकी है। एक टुकड़ी को पैंगोड सैन्य ठिकाने से कोट्टयम जिले के कांजीरपनल्ली भेजा गया है। इनमें एक अधिकारी, दो जेसीओ और 30 अन्य जवान शामिल हैं।’ भारतीय नौसेना के दक्षिणी कमान ने कहा कि वह बचाव एवं राहत अभियान मे स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए पूरी तरह से तैयार है।

भूस्खलन की चार घटनाओं की सूचना

इससे पहले सहकारिता एवं पंजीकरण मंत्री वी. एन. वासवन ने कहा कि कोट्टयम जिले में कम से कम तीन घर बह गए और दस लोगों के लापता होने की आशंका है। मंत्री ने कहा,‘कोट्टयम जिले के विभिन्न हिस्सों से कम से कम चार भूस्खलन की घटनाओं की सूचना है। हमने वायुसेना से सहयोग मांगा है ताकि कोट्टीकल इलाके में फंसे लोगों को बचाया जा सके। हमें कुछ लोगों के लापता होने की सूचना है और 60 से अधिक लोग बचाव कार्य का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि पानी घरों में घुस गया है।’

पांच जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की ओर से दी गई नवीनतम जानकारी के मुताबिक पथनमथिट्टा, कोट्टयम, एर्णाकुलम, इडुक्की और त्रिशूर जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। कोट्टयम और पथनमथिट्टा जिला बारिश से सबसे अधिक प्रभावित है जहां पर शुक्रवार रात से ही बारिश हो रही है। सोशल मीडिया पर कोट्टयम जिले की कई तस्वीरें वायरल हुई हैं, जिनमें बाढ़ के पानी में फंसी केएसआरटीसी की बस और स्थानीय लोगों द्वारा बस में सवार यात्रियों को बचाने की तस्वीर शामिल है। इस बीच, तिरुवनंतपुरम के चेम्पकमंगलम में शुक्रवार रात को बारिश की वजह से दीवार का हिस्सा गिरने पर दो बच्चे चमत्कारिक रूप से बच गए।

केरल में एनडीआरएफ की 11 टीम तैनात होंगी

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) केरल के दक्षिणी एवं मध्य हिस्से में 11 टीम तैनाती करेगी जहां भारी बारिश हुई है। एनडीआरएफ के महानिदेशक एस. एन. प्रधान ने एक ट्वीट कर बताया कि केरल के कई जिलों में संभावित बाढ़/जलजमाव और बारिश के लिए जारी रेड अलर्ट को देखते हुए टीमों को भेजा जा रहा है। मलप्पुरम, अलपुझा, एर्णाकुलम, त्रिशूर, पथनमथिट्टा, पलक्कड़, कोट्टायम, कन्नूर और कोल्लम में एक-एक टीम की तैनाती की जाएगी। एनडीआरएफ की एक टीम में सामान्य तौर पर 47 कर्मी होते हैं जो वृक्ष एवं लकड़ी काटने वाली मशीनों, संचार उपकरण, नाव और मेडिकल किट से लैस होते हैं ताकि प्रभावित लोगों को बचाया जा सके और राहत अभियान शुरू किया जा सके।