देश / जम्मू-कश्मीर से पकड़े गए आतंकी ने कैमरे पर कुबूला- मुझे पाक सेना ने ट्रेनिंग दी थी

जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर से भारतीय सेना द्वारा पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी अली बाबर ने कैमरे के सामने कुबूल किया है कि उसे लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तानी सेना ने ट्रेनिंग दी थी। अपने कुबूलनामे में 19-वर्षीय आतंकी ने पत्रकारों से कहा कि उसके हैंडलर्स ने उसे सीमा पार कर बारामूला में हथियार पहुंचाने के लिए ₹20,000 दिए थे।

Vikrant Shekhawat : Sep 29, 2021, 06:23 PM
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के उरी से मंगलवार को गिरफ्तार किए गए आतंकी अली बाबर ने पाकिस्तान को लेकर कई अहम खुलासे किए हैं। आतंकी बाबर ने कबूल किया है कि पाकिस्तानी सेना ने उसे ट्रेनिंग दी थी। अली बाबर ने यह भी बताया कि उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसएई ने रुपए का लालच दिया था। उरी सेक्टर में सेना द्वारा घुसपैठ रोधी अभियान के दौरान सोमवार को 19 वर्षीय आतंकी ने आत्मसमर्पण कर दिया।

पाक सेना ने दी ट्रेंनिंग

सेना ने आज पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकवादी अली बाबर का वीडियो जारी किया है। वीडियो में वह उरी सेक्टर में एक सैन्य शिविर में मीडिया से बातचीत करते हुए दिखाई दे रहे हैं।जिसमें वह कह रहा है कि, उसे लश्कर ए तैयबा और पाकिस्तानी सेना द्वारा प्रशिक्षित किया गया था। पट्टन में हथियारों की आपूर्ति करने और उन्हें पार करने के लिए उसके आकाओं ने उसे20 हजार रुपए उसे एडवांस दिए भी गए थे।

ISI ने दिया था रुपयों का लालच

आतंकी ने आगे बताया कि, उन्होंने पहली किश्त देने के बाद उसे ₹ 30,000 की दूसरी किस्त देने का वादा किया गया था। उन्हें मुजफ्फराबाद में लश्कर के शिविर में प्रशिक्षित किया गया था और 18 सितंबर को छह आतंकवादियों के एक समूह के साथ घुसपैठ की गई थी।आतंकी बाबर ने बताया कि वह हथियारों की सप्लाई करने के मकसद से भारतीय सीमा में घुसा था। साथ ही उरी जैसे हमले की साजिश रची गई थी।

आईएसआई ने उठाया गरीबी का फायदा

बाबर ने बताया कि अपने पिता को जल्दी खो देने की वजह से गरीबी के कारण उसे गुमराह किया गया और लश्कर-ए-तैयबा में शामिल होने का लालच दिया गया। दीपालपुर में उनके परिवार में उनकी विधवा मां और एक दत्तक बहन हैं। परिवार निम्न वर्ग से ताल्लुक रखता है जो बमुश्किल अपनी जरुरतों को पूरा कर पाता है। गरीबी से बचने के लिए बाबर ने सातवीं कक्षा के बाद सरकारी स्कूल से स्कूली शिक्षा छोड़ दी। जिसके बाद उसने 2019 में गढ़ी हबीबुल्लाह कैंप (केपीके) में तीन सप्ताह के प्रारंभिक प्रशिक्षण के बाद 2021 में पुनश्चर्या प्रशिक्षण लिया।

खैबर कैंप में फरवरी 2019 में तीन हफ्ते की ट्रेनिंग ली

बाबर ने बताया कि पाकिस्तानी सेना के गड़ी हबीबुल्ला मुज्जफराबाद स्थित खैबर कैंप में फरवरी 2019 में उसे तीन हफ्ते की ट्रेनिंग दी गई। इस दौरान कुल 9 पाकिस्तानी लड़कों को उसके साथ ट्रेनिंग दी गई थी। सभी को कश्मीर में जिहाद के लिए तैयार किया गया। पाकिस्तानी सेना के एक सूबेदार ने मिलिट्री ट्रेनिंग दी। उसने बताया कि शारीरिक और हथियार प्रशिक्षण के लिए नियोजित किए जाने वाले अधिकांश प्रशिक्षण पाकिस्तानी सेना के जवान देते हैं। उसके बाद 2021 में एक रिफ्रेशर ट्रेनिंग कोर्स कराया गया।

आतंकी ने पाकिस्तान से की ये अपील

वीडियो में बाबर ने कहा कि, मैं पाकिस्तानी सेना और आईएसआई से गुजारिश करता हूं कि मुझे वापस बुला लिया जाए। भारतीय सेना में मेरे साथ अच्छा व्यवहार किया। मेरे पर कोई जुल्म नहीं किया। बाबर ने बताया कि इस्लाम खतरे में है और कश्मीर में मुसलमानों के खिलाफ किए जा रहे अत्याचारों सहित कथित हत्या के झूठे और नकली भाषण प्रशिक्षण के दौरान उपदेश का मुख्य विषय था। मैं पाकिस्तानी सेना से अपील करता हूं कि मुझे वापस बुला लें।