AMAR UJALA : Dec 11, 2019, 11:06 AM
नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया कि अगस्त 2019 से अब तक करीब 5 महीने में 84 बार आतंकियों ने सीमापार से कश्मीर घाटी में घुसपैठ करने की कोशिश की है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने एक सवाल के जवाब में बताया कि इन प्रयासों के दौरान नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार कर करीब 59 आतंकियों के घाटी में घुसने की संभावना सुरक्षा बलों व खुफिया एजेंसियों ने जताई है। बता दें कि अगस्त में ही सरकार ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को हटाते हुए राज्य का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में विभाजित कर दिया था।निचले सदन में श्रीधर कोटागिरी के सवाल के लिखित जवाब में गृह राज्यमंत्री ने कहा, पड़ोसी देश की मदद से की एलओसी पर घुसपैठ का प्रयास लगातार जारी है। उन्हाेंने सुरक्षा बलों की कार्रवाई का ब्योरा देते हुए कहा, वर्ष 1990 से एक दिसंबर 2019 तक सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 22,557 आतंकियों को मार गिराया गया या गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि सीमा पर सुरक्षा बलों की चौकसी पूरी तरह प्रभावी है। इसी चौकसी के चलते साल 2005 से 31 अक्तूबर 2019 तक सीमापार से घुसपैठ करने की कोशिश के दौरान 1011 आतंकी मारे गए, जबकि 42 आंतकियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इतना ही नहीं 2253 आतंकियों को घुसपैठ करने से पहले ही वापस भगा दिया गया।एक सवाल के जवाब में जी. किशन रेड्डी ने कहा कि घुसपैठ के प्रयास एक छद्म युद्ध के एजेंडे का हिस्सा है, जिसका मकसद जम्मू-कश्मीर में हिंसा पैदा करना और मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के साथ ही घाटी में घटते आतंकवाद को बढ़ाना है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि घुसपैठ के प्रयासों को विफल करने के लिए सतत प्रभावी अभियान, घात और गश्त को अंजाम दिया जा रहा है और साथ में एक घुसपैठ विरोधी ग्रिड भी स्थापित किया जा रहा है।एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, जम्मू-कश्मीर सरकार की रिपोर्ट के आधार पर शांति बनाए रखने के लिए पत्थरबाजों, कार्यकर्ताओं, अलगाववादियों और अन्य लोगों को वैधानिक प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया था। हिरासत में लिए गए इन सभी लोगों के मामलों की संबंधित वैधानिक संस्थाएं लगातार समीक्षा कर रही हैं और उसी आधार पर उनकी रिहाई का फैसला किया जा रहा है।अयोध्या विवाद : तय समयसीमा में पूरा करेंगे सुप्रीम कोर्ट का आदेशअयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लेकर पूछे गए सवाल पर गृह राज्यमंत्री ने कहा, केंद्र सरकार तय समय सीमा के भीतर शीर्ष अदालत के निर्देशों और आदेशों के अनुसार कार्य करने के लिए बाध्य है।