टोक्यो ओलंपिक्स / 23-वर्षीय बॉक्सर लवलीना ने टोक्यो ओलंपिक्स में भारत के लिए दूसरा पदक किया पक्का

23-वर्षीय भारतीय बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने महिलाओं के 69 किलोग्राम वर्ग के सेमीफाइनल में पहुंचने के साथ ही टोक्यो ओलंपिक्स में भारत के लिए दूसरा पदक पक्का कर लिया है। लवलीना ने शुक्रवार को क्वॉर्टर-फाइनल में चीनी ताइपे की 24-वर्षीय निएन-चिन चेन को हराया। वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने 49 किलोग्राम वर्ग में रजत जीतकर भारत को पहला पदक दिलाया था।

Vikrant Shekhawat : Jul 30, 2021, 10:15 AM
टोक्यो: जापान की राजधानी टोक्यो में खेल जा रहे ओलंपिक खेलों में भारतीय महिला बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन (69 किलो) ने भारत के लिए दूसरा मेडल पक्का कर दिया है। लवलीना ने अपने क्वार्टरफाइनल मुकाबले में चीनी ताइपै की बॉक्सर नियेन चिन चेन को हराकर सेमीफाइनल में अपना जगह बना ली है। भारतीय बॉक्सर ने चिन चेन के खिलाफ 4-1 से जीत दर्ज की। टोक्यो ओलंपिक में सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाने वाली लवलीना पहली इंडियन बॉक्सर हैं। टूर्नामेंट के दूसरे दिन मीराबाई चानू ने ओलंपिक में भारत का खाता खोला था और सिल्वर मेडल पर कब्जा किया था।

लवलीना वेल्टरवेट कैटेगरी के क्वार्टरफाइनल मुकाबले में नियेन चिन पर पूरी तरह से हावी नजर आईं और उनको मैच में वापसी करने का कोई मौका नहीं दिया। लवलीना का सेमीफाइनल में मुकाबला मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन तुर्की की बुसानेज सुरमेनेली से होगा, जिन्होंने क्वार्टर फाइनल में अन्ना लिसेंको को मात देकर सेमीफाइनल में अपना स्थान पक्का किया है। दो बार विश्व चैम्पियनशिप की ब्रॉन्ज मेडल विजेता लवलीना ने जबरदस्त संयम का प्रदर्शन करते हुए उस विरोधी को हराया जिससे वह पहले हार चुकी है ।आक्रामक शुरूआत के बाद उन्होंने आखिरी तीन मिनटों में अपना डिफेंस भी नियंत्रित रखा और जवाबी हमलों में भी कोई चूक नहीं की । पिछले साल कोरोना संक्रमण की शिकार हुई लवलीना यूरोप में प्रैक्टिस दौरे पर नहीं जा सकी थी। रैफरी ने जैसे ही विजेता के रूप में उनका हाथ उठाया, वह खुशी के मारे जोर से चीख पड़ी। भारत को इससे पहले ओलंपिक मुक्केबाजी में विजेंदर सिहं (2008) और एम सी मैरीकॉम (2012) ने कांस्य पदक दिलाए थे।

इससे पहले सिमरनजीत कौर (60 किलो) ओलंपिक खेलों में डेब्यू के साथ ही प्री क्वार्टर फाइनल में थाईलैंड की सुदापोर्न सीसोंदी से हारकर बाहर हो गईं। चौथी वरीयता प्राप्त सिमरनजीत को 0-5 से हार का सामना करना पड़ा। पहले दौर में दमदार प्रदर्शन करते हुए उन्होंने प्रतिद्वंद्वी पर दबाव बनाने की कोशिश की और अच्छे जवाबी हमले बोले। जजों ने हालांकि एकमत से थाई बॉक्सर के पक्ष में फैसला दिया जिससे दूसरे दौर में सिमरनजीत के प्रदर्शन पर असर पड़ा।