Earthquake In Delhi / दिल्ली-बिहार से नेपाल और तिब्बत तक आये भूकंप के झटके, 7.1 रही तीव्रता

नेपाल के लोबुचे में मंगलवार सुबह 7.1 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया, जिसका केंद्र 10 किमी गहराई पर था। दिल्ली-NCR, बिहार और नेपाल के कई जिलों में झटके महसूस हुए। भूकंप से इमारतों को क्षति की आशंका है। हालिया घटनाएं टेक्टोनिक प्लेट्स की सक्रियता बढ़ने का संकेत देती हैं।

Vikrant Shekhawat : Jan 07, 2025, 09:21 AM

Earthquake In Delhi: मंगलवार सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आस-पास के क्षेत्रों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसके अलावा, बिहार के पटना समेत कई जिलों में भी धरती हिली। भूकंप की तीव्रता 7.1 मापी गई, जिसका केंद्र नेपाल के लोबुचे से 84 किलोमीटर उत्तर-उत्तर-पश्चिम में था। भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर थी, जिससे इसके प्रभाव का क्षेत्र विस्तृत और तीव्र हो गया। नेपाल और तिब्बत के अलावा भारत में भी इस भूकंप का असर देखने को मिला।

नेपाल में भूकंप का असर

नेपाल के काठमांडू, धाडिंग, सिंधुपालचौक, कावरे, मकवानपुर और कई अन्य जिलों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप आते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए, जिससे भगदड़ जैसे हालात बन गए। नेपाल, जो भूकंप के लिए संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है, ने पहले भी कई भूकंपों का सामना किया है, जिनमें भारी नुकसान हुआ।

भूकंप के कारण और प्रभाव

पृथ्वी सात टेक्टोनिक प्लेटों से बनी है, जो लगातार अपनी जगह पर घूमती रहती हैं। इन प्लेटों के बीच टकराव या घर्षण से ऊर्जा निकलती है, जो भूकंप का कारण बनती है।

तीव्रता के अनुसार प्रभाव:

  • 0 से 1.9 रिक्टर स्केल: केवल सिस्मोग्राफ पर दर्ज होता है।

  • 2 से 2.9 रिक्टर स्केल: हल्का कंपन महसूस होता है।

  • 3 से 3.9 रिक्टर स्केल: भारी वाहन के पास से गुजरने जैसा अनुभव।

  • 4 से 4.9 रिक्टर स्केल: दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।

  • 5 से 5.9 रिक्टर स्केल: फर्नीचर हिल सकता है।

  • 6 से 6.9 रिक्टर स्केल: इमारतों को मामूली नुकसान हो सकता है।

  • 7 से 7.9 रिक्टर स्केल: इमारतें गिर सकती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट सकते हैं।

  • 8 से 8.9 रिक्टर स्केल: बड़े पुल और इमारतें गिर जाती हैं।

  • 9 और उससे ज्यादा रिक्टर स्केल: पूरी तबाही। धरती लहराती हुई प्रतीत होती है।

हाल के दिनों में भूकंप की घटनाओं में वृद्धि

भारत समेत कई देशों में भूकंप की घटनाओं में तेजी देखी गई है। यह जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संतुलन में हो रहे बदलावों का भी संकेत हो सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह टेक्टोनिक प्लेटों की सामान्य गतिविधियों का परिणाम है।

बचाव और सुरक्षा

भूकंप के दौरान सुरक्षित रहने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

  1. मजबूत फर्नीचर के नीचे शरण लें।

  2. खिड़कियों और भारी वस्तुओं से दूर रहें।

  3. लिफ्ट का उपयोग न करें।

  4. खुले मैदान में जाएं।

निष्कर्ष

भूकंप प्राकृतिक आपदा है, लेकिन इससे बचने और नुकसान को कम करने के उपाय हमारे हाथ में हैं। इसके लिए सतर्कता और जागरूकता बेहद जरूरी है। नेपाल और भारत में इस घटना के बाद राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं। भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए मजबूत आपदा प्रबंधन प्रणाली विकसित करना आवश्यक है।