Myanmar Earthquake / 300 से अधिक परमाणु बमों जितनी ताकत से म्यांमार में कांपी धरती, US भूविज्ञानी ने दी चेतवानी

म्यांमार में 29 मार्च 2025 को 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिससे 1700 से अधिक लोगों की जान चली गई। विशेषज्ञों के अनुसार, भूकंप के झटके महीनों तक महसूस किए जा सकते हैं। कई इलाकों का संपर्क टूट गया है, जबकि महामारी फैलने का खतरा बढ़ गया है।

Myanmar Earthquake: म्यांमार में 29 मार्च 2025 को आए भूकंप ने देश में भारी तबाही मचाई है। 7.7 तीव्रता के इस शक्तिशाली भूकंप ने अब तक 1700 से अधिक लोगों की जान ले ली है और हजारों लोग घायल हो गए हैं। यह भूकंप केवल वर्तमान नुकसान तक सीमित नहीं है, बल्कि भूवैज्ञानिक विशेषज्ञ इसे आने वाले दिनों के लिए भी एक गंभीर चेतावनी मान रहे हैं। अमेरिकी भूवैज्ञानिक जेस फीनिक्स के अनुसार, इस भूकंप से निकली ऊर्जा लगभग 334 परमाणु बमों के बराबर थी।

महीनों तक जारी रह सकते हैं झटके

भूवैज्ञानिकों का कहना है कि इस भूकंप के झटके महीनों तक महसूस किए जा सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, भारतीय टेक्टोनिक प्लेट म्यांमार के नीचे यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है, जिससे बार-बार भूकंप आने की संभावना बनी रहती है। यह टेक्टोनिक हलचल भविष्य में भी विनाशकारी भूकंपों को जन्म दे सकती है।

उथली गहराई के कारण बढ़ी तीव्रता

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) की रिपोर्ट के अनुसार, यह भूकंप 10 किलोमीटर की उथली गहराई पर आया था, जिससे इसकी तीव्रता और भी बढ़ गई। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यह सिर्फ एक प्रारंभिक झटका हो सकता है और आने वाले महीनों में और भी भूकंप आ सकते हैं।

बचाव कार्य में आ रही हैं मुश्किलें

म्यांमार में आए इस भूकंप को पिछले सौ वर्षों में सबसे विनाशकारी माना जा रहा है। कई क्षेत्रों में सड़कें ध्वस्त हो गई हैं और इरावदी नदी पर स्थित एक महत्वपूर्ण पुल के गिर जाने से संचार व्यवस्था ठप हो गई है। बचाव दल प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं, जिससे राहत कार्य प्रभावित हो रहा है। मृतकों की सही संख्या का अनुमान लगाने में कई सप्ताह लग सकते हैं।

महामारी का खतरा बढ़ा

भूकंप के बाद, मलबे में दबी लाशों से दुर्गंध फैलने लगी है, जिससे महामारी फैलने का खतरा बढ़ गया है। राहत और बचाव कार्य के लिए कई देशों ने मदद का हाथ बढ़ाया है। भारत ने भी अपने बचाव दलों को भेजा है, जो राहत कार्य में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।

आगे की तैयारी जरूरी

विशेषज्ञों का मानना है कि म्यांमार और उसके पड़ोसी देशों को इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं के लिए पहले से अधिक तैयार रहना होगा। मजबूत आपदा प्रबंधन प्रणाली और बेहतर पूर्वानुमान तंत्र विकसित करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।

म्यांमार में आए इस भूकंप ने न केवल जीवन और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि इस क्षेत्र के लिए एक चेतावनी भी छोड़ी है कि भूकंप के प्रति सतर्कता और आपदा प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।