Myanmar Earthquake: म्यांमार में भूकंप के झटकों की श्रृंखला थमने का नाम नहीं ले रही है। रविवार को देश के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के पास 5.1 तीव्रता का भूकंप आया। अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के अनुसार, यह झटका शुक्रवार को आए भीषण भूकंप के बाद की कड़ी का एक और हिस्सा है। शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने देशभर में तबाही मचाई थी, जिसमें अब तक 1,600 से अधिक लोगों की जान चली गई और 3,400 से अधिक लोग लापता हैं। इस त्रासदी के बीच मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
72 घंटे में चौथी बार कांपी धरती
बीते 72 घंटों में यह चौथी बार है जब म्यांमार की धरती भूकंप के झटकों से कांपी है। रविवार को मांडले के निकट आए 5.1 तीव्रता के भूकंप ने स्थानीय निवासियों में भय का माहौल पैदा कर दिया। झटकों के कारण कई लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और सुरक्षित स्थानों की ओर भागे। आपदा राहत और बचाव अभियान अभी भी जारी है, और प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में जुटा हुआ है।
भूकंप से हुए भारी नुकसान
शुक्रवार को आए विनाशकारी भूकंप से कई इमारतें धराशायी हो गईं, जबकि बुनियादी ढांचे को भी गंभीर क्षति पहुंची। अस्पतालों, सड़कों और पुलों को हुए नुकसान के कारण राहत कार्यों में बाधा आ रही है। बचाव दल लगातार मलबे में दबे लोगों की तलाश कर रहे हैं, लेकिन संसाधनों की कमी और कठिन हालात के कारण राहत कार्यों में चुनौती बनी हुई है।
सरकार और अंतरराष्ट्रीय सहायता की जरूरत
म्यांमार सरकार ने इस आपदा को गंभीर मानते हुए अंतरराष्ट्रीय सहायता की अपील की है। विभिन्न देशों और मानवीय संगठनों ने सहायता भेजने का आश्वासन दिया है। इस बीच, स्थानीय प्रशासन प्रभावित इलाकों में राहत शिविर स्थापित करने में जुटा है, ताकि बेघर हुए लोगों को अस्थायी आश्रय मिल सके।
आगे की संभावनाएं
भूगर्भीय वैज्ञानिकों के अनुसार, इस क्षेत्र में और भी झटके महसूस किए जा सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले बड़े भूकंप के कारण ऊर्जा के असंतुलन से आफ्टरशॉक्स आ सकते हैं, जो स्थिति को और गंभीर बना सकते हैं।
म्यांमार के लोगों के लिए यह समय अत्यंत कठिन है। इस आपदा में जान-माल के नुकसान को देखते हुए सरकार और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को त्वरित और प्रभावी राहत कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।