Myanmar Earthquake / भूकंप प्रभावित म्यांमार को भारत की आपातकालीन सहायता, 60 बेड का चिकित्सा केंद्र बनाएगा भारत

भारत ने म्यांमार में भूकंप प्रभावित लोगों की सहायता के लिए 15.3 टन राहत सामग्री भेजी। भारतीय दल बचाव कार्य और चिकित्सा सहायता में जुटा है। चीन ने भी 100 मिलियन युआन की आपातकालीन मदद की घोषणा की। स्थानीय प्रशासन और अंतरराष्ट्रीय टीमें राहत और पुनर्वास में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।

Myanmar Earthquake: म्यांमार में हाल ही में आए भीषण भूकंप से मची तबाही के बीच भारत ने तुरंत मानवीय सहायता प्रदान करने की पहल की है। शनिवार को भारत की ओर से भेजी गई आपातकालीन सहायता का पहला जत्था यांगून पहुंचा। इस सहायता में राहत और बचाव कार्यों में सहयोग देने के लिए एक विशेष भारतीय दल भी शामिल है, जो प्रभावित इलाकों में पीड़ितों की खोज और चिकित्सा सहायता प्रदान करेगा।

भारतीय राहत प्रयास

भारत की ओर से म्यांमार को भेजी गई पहली राहत खेप में व्यक्तिगत देखभाल सामग्री, खाद्य पदार्थ, स्लीपिंग बैग, सोलर लैंप और रसोई के आवश्यक बर्तन शामिल थे। भारतीय राजदूत अभय ठाकुर ने 29 मार्च को इस राहत सामग्री को म्यांमार रवाना किया। भारतीय दूतावास ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि भारत इस प्राकृतिक आपदा पर लगातार नजर बनाए रखेगा और आवश्यकतानुसार अतिरिक्त सहायता भी भेजी जाएगी।

म्यांमार नेशनल एयरलाइंस (एमएनए) ने घोषणा की है कि वह राहत सामग्री और आवश्यक दवाइयों को मुफ्त में जरूरतमंदों तक पहुंचाने में मदद करेगा। इसके अलावा, अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर म्यांमार में राहत प्रयासों को तेज किया जा रहा है।

15.3 टन राहत सामग्री भारत से रवाना

भारत सरकार ने भूकंप पीड़ितों की सहायता के लिए भारतीय वायुसेना के एक विशेष विमान के माध्यम से 15.3 टन राहत सामग्री भेजी। वहीं, चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस की ओर से 5041 किलोग्राम राहत सामग्री के साथ 37 चीनी राहतकर्मी भी म्यांमार पहुंचे। राहत कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए यांगून अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एमएनए ने ग्राउंड सेवाएं निःशुल्क प्रदान की हैं।

118 सदस्यीय भारतीय बचाव दल

भारतीय दल में कुल 118 सदस्य शामिल हैं, जिसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल जगनीत गिल कर रहे हैं। यह टीम विशेष रूप से प्रशिक्षित "शत्रुजीत ब्रिगेड मेडिकल रिस्पॉन्डर्स" का हिस्सा है, जो आपातकालीन चिकित्सा उपकरणों और अन्य आवश्यक आपूर्ति के साथ म्यांमार पहुंची है।

भारतीय सेना ने आपदा में घायल लोगों के इलाज के लिए 60-बेड का चिकित्सा उपचार केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है। यह केंद्र स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं को सहयोग प्रदान करेगा, जिससे इमरजेंसी मेडिकल सेवाओं को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके।

चीन का योगदान

म्यांमार में 28 मार्च को आए भूकंप के कारण अब तक 1000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग घायल हुए हैं। इस भयावह स्थिति को देखते हुए चीन ने भी राहत प्रयासों में तेजी लाई है। युन्नान प्रांतीय बचाव और चिकित्सा दल 29 मार्च को यांगून अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा।

चीन की इस टीम में 37 सदस्य शामिल हैं, जिन्होंने अत्याधुनिक लाइफ डिटेक्टर, भूकंप पूर्व चेतावनी प्रणाली, पोर्टेबल उपग्रह और ड्रोन सहित 112 सेट आपातकालीन राहत उपकरणों के साथ राहत अभियान शुरू किया है।

चीन ने दी 100 मिलियन युआन की सहायता

म्यांमार सरकार के अनुरोध पर चीन ने आपातकालीन मानवीय सहायता के रूप में 100 मिलियन युआन (लगभग 14.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर) प्रदान करने की घोषणा की है। इसके तहत टेंट, कंबल, चिकित्सा किट, खाद्य सामग्री और पेयजल जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जाएगी। पहला राहत दल 31 मार्च को म्यांमार पहुंचेगा, और आगे की सहायता म्यांमार की आवश्यकताओं के अनुरूप जारी रखी जाएगी।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग से राहत कार्य तेज

म्यांमार में भूकंप के बाद उपजे संकट से निपटने के लिए भारत और चीन सहित कई देश और अंतरराष्ट्रीय संगठन सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। अधिकारियों, स्थानीय प्रशासन और धार्मिक संगठनों के सहयोग से राहत अभियान को कारगर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। भारत की ओर से भेजे गए राहत दल और चिकित्सा सहायता से प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास कार्यों को गति मिलेगी।