- भारत,
- 30-Mar-2025 09:50 PM IST
Earthquake News: म्यांमार के मांडले में 7.7 तीव्रता के भूकंप ने शहर को बर्बादी के कगार पर ला दिया है। चारों ओर बिखरे मलबे और सड़कों पर पड़े शवों से दुर्गंध फैल रही है। लोग अपने परिवारजनों की तलाश में जुटे हैं, जबकि राहत कार्य संचार बाधित होने और बुनियादी ढांचे के ध्वस्त होने से प्रभावित हो रहा है।
इस विनाशकारी भूकंप का केंद्र मांडले के पास था, जिससे कई बहुमंजिला इमारतें जमींदोज हो गईं। पुलों के गिरने और सड़कों के टूटने से राहतकर्मियों को प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने में मुश्किलें हो रही हैं। पहले से गृहयुद्ध से जूझ रहे देश में आपदा प्रबंधन और भी कठिन हो गया है।
स्थानीय लोग बिना किसी भारी मशीनरी के अपने हाथों से मलबा हटाने को मजबूर हैं। भीषण गर्मी के कारण बचाव कार्य धीमा पड़ रहा है। रविवार को आए 5.1 तीव्रता के झटकों ने डर को और बढ़ा दिया, लेकिन राहत अभियान जारी है।
मांडले के 15 लाख निवासियों में हजारों बेघर हो चुके हैं और कई सड़कों पर रातें गुजारने को मजबूर हैं। भूकंप का असर पड़ोसी देश थाईलैंड तक महसूस किया गया, जहां कम से कम 17 लोगों की मौत हुई है। लगातार झटकों के चलते लोग अस्थिर इमारतों से दूर रहने को मजबूर हैं।
अंतरराष्ट्रीय सहायता और राहत प्रयास
म्यांमार में विदेशी सहायता पहुंचनी शुरू हो गई है। भारत ने दो सैन्य विमानों से राहत सामग्री और 120 सैनिकों की टीम भेजी है, जो उत्तर मांडले में आपातकालीन उपचार केंद्र स्थापित कर रही है। यांगून अंतरराष्ट्रीय सहायता का प्रमुख केंद्र बन चुका है, जहां अन्य देशों से भी मदद आ रही है।
हालांकि, मलबे में दबे लोगों को बचाने में अभी भी काफी चुनौतियां बनी हुई हैं। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सेवा के मुताबिक, मरने वालों की संख्या 10,000 तक पहुंच सकती है, और यह आपदा म्यांमार की अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।