Kesari Chapter 2 / ये 5 खामियां न कर दें 'केसरी 2' को बर्बाद, अक्षय की फिल्म पर खतरा!

अक्षय कुमार की ‘केसरी चैप्टर 2’ जहां दमदार परफॉर्मेंस से दिल जीतती है, वहीं फिल्म में कई कमियां भी हैं। कोर्टरूम ड्रामा का दोहराव, आर माधवन का सीमित स्क्रीन टाइम, अधूरी कहानियां, रेजिना कैसेंड्रा का मिसयूज और मनोरंजन की कमी दर्शकों को खटक सकती है।

Kesari Chapter 2: बॉलीवुड के ‘खिलाड़ी’ अक्षय कुमार जब भी पर्दे पर आते हैं, तो दर्शकों की उम्मीदें आसमान छूने लगती हैं। उनकी हालिया रिलीज़ ‘केसरी चैप्टर 2’ भी कुछ ऐसी ही चर्चा में है। फिल्म ने ना केवल बॉक्स ऑफिस पर जोरदार शुरुआत की है, बल्कि क्रिटिक्स से भी सराहना बटोरी है। अक्षय कुमार के साथ इस बार स्क्रीन पर नजर आए हैं अनन्या पांडे और आर. माधवन, जो अपनी भूमिकाओं में पूरी तरह फिट बैठते हैं।

हालांकि फिल्म दमदार है, लेकिन कुछ पहलू ऐसे भी हैं जो ऑडियंस को थोड़ा निराश कर सकते हैं। आइए जानते हैं ‘केसरी चैप्टर 2’ की वो 5 कमियां, जो फिल्म के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती हैं।


1. कोर्टरूम ड्रामा का दोहराव

‘केसरी चैप्टर 2’ भले ही एक नई कहानी पेश करती हो, लेकिन इसका कोर्टरूम ड्रामा कुछ हद तक पुरानी फिल्मों की याद दिलाता है। ‘जॉली एलएलबी’ में अक्षय कुमार को वकील के रूप में देख चुके दर्शकों को इस फिल्म में वही फॉर्मूला दोहराता नजर आता है। इसका नतीजा यह होता है कि फिल्म में नयापन महसूस नहीं होता और कई बार घटनाएं अनुमानित लगने लगती हैं।


2. आर. माधवन की सीमित स्क्रीन टाइम

फिल्म का सबसे दिलचस्प हिस्सा है अक्षय कुमार और आर. माधवन के बीच की बहस, जो दर्शकों को स्क्रीन से जोड़े रखती है। लेकिन अफसोस, आर. माधवन जैसे शानदार कलाकार को फिल्म में पर्याप्त स्क्रीन स्पेस नहीं मिला। उनका किरदार और अधिक विस्तार पा सकता था, जिससे कहानी को और गहराई मिलती।


3. कुछ सवाल अनुत्तरित रह गए

फिल्म की कहानी अपने आप में सशक्त है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब अधूरे रह जाते हैं। उदाहरण के तौर पर, जनरल डायर का आगे क्या हुआ? और कुछ साइड कैरेक्टर्स की कहानी अधूरी छोड़ दी गई है। दर्शक इन पहलुओं को लेकर थोड़े असंतुष्ट महसूस कर सकते हैं।


4. रेजिना कैसेंड्रा का कमज़ोर उपयोग

रेजिना कैसेंड्रा, जिन्होंने फिल्म ‘जाट’ में अपनी शानदार एक्टिंग से सबका दिल जीता था, ‘केसरी चैप्टर 2’ में अक्षय कुमार की पत्नी के किरदार में हैं। लेकिन उन्हें फिल्म में ना के बराबर संवाद दिए गए हैं। ऐसा लगता है जैसे एक टैलेंटेड अभिनेत्री का पूरा इस्तेमाल नहीं किया गया।


5. मनोरंजन के तड़के की कमी

‘केसरी चैप्टर 1’ में जहां गंभीरता के साथ हल्का-फुल्का मनोरंजन भी मौजूद था, वहीं सीक्वल में सीधा मुद्दे पर आने की कोशिश में फिल्म थोड़ी बेजान हो गई है। जिन दर्शकों को अक्षय कुमार की फिल्मों से मसालेदार मनोरंजन की उम्मीद रहती है, उन्हें यह फिल्म कुछ हद तक बोरिंग लग सकती है। देशभक्ति के जज़्बे को लेकर पेश की गई कहानी दमदार है, लेकिन फॉर्मूला नया नहीं लगता