Vikrant Shekhawat : Apr 14, 2022, 08:19 AM
कश्मीर घाटी से सटी लाइन ऑफ़ कंट्रोल (एलओसी) पर तैनात सुरक्षाबलों ने कड़ाके की ठंड के दौरान एलओसी पर कड़ा पहरा दिया और घुसपैठ की एक भी कोशिश को सफल नहीं होने दिया। अब उत्तरी कश्मीर के ऊंचे पहाड़ी इलाकों में बर्फ पिघलने के साथ वहां तैनात सुरक्षा कर्मियों की चुनौतियों बढ़ गई हैं। खुफिया एजेंसियों के इनपुट के अनुसार सीमा पार चार आतंकी लांचिंग पैड एक्टिव हो गए हैं। वहां मौजूद आतंकी मौका मिलते ही घुसपैठ की फ़िराक़ में हैं। इसलिए पारंपरिक घुसपैठ मार्गों पर चौकसी बढ़ा दी गई है। खुफिया एजेंसियों द्वारा सुरक्षाबलों को दिए गए इनपुट के अनुसार सीमा पार लांचिंग पैड्स पर करीब 300 से अधिक आतंकवादी मौजूद हैं। वो कश्मीर घाटी में घुसपैठ करने के लिए मौके की तलाश में हैं। सुरक्षाबलों का यह भी मानना है कि अफगानिस्तान से बहुत सारे कट्टरवादी कश्मीर भेजे जा सकते हैं, लेकिन वे ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। हाल ही में बीएसएफ के आला अधिकारियों ने एलओसी का दौरा किया है।कश्मीर फ्रंटियर के आईजी बीएसएफ राजा बाबू सिंह ने कहा, इन ऊंचे इलाकों पर बर्फ पिघलने के बाद हम उन इलाकों पर निगरानी बढ़ा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि करीब 125-150 आतंकी सीमा पार से घुसपैठ की फिराक में हैं। सेना और बीएसएफ ने सुनिश्चित किया है कि आतंकवादियों का सफाया हो और घाटी में स्थिति बहुत शांतिपूर्ण हो। सीमा की रखवाली करने वाले जवानों को सभी नई तकनीक के उपकरण दिए गए हैं। एलओसी पर गश्त भी बढ़ा दी गई है। रात दिन पहाड़ियों की पेट्रोलिंग की जा रही हैं। हर चौबीस घंटे में अलग अलग पेट्रोल दल गश्त करते रहते हैं। बीएसएफ के जवानों का कहना है कि वह यहां पूरे साल 24 घंटे एलओसी पर पहरा दे रहे हैं और इस क्षेत्र में घुसपैठ की कोई संभावना की गुंजाइश नहीं है। जम्मू-कश्मीर के मैदानी इलाकों में भी सुरक्षाबलों ने आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज कर दिया है। 2022 में विभिन्न मुठभेड़ों में लगभग 47 आतंकवादी मार गिराए हैं। कुछ दिनों पहले जम्मू संभाग के राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में मारे गए एक घुसपैठिये के बाद अब यह संभावना जताई जा रही है कि आतंकी घुसपैठ करने के लिए हताश हैं। इस बीच एलओसी का जाएजा लेने के लिए और सेना की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए सेना की उत्तरी कमान के सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कश्मीर घाटी की एलओसी के करीब अग्रिम सैन्य प्रतिष्ठानों का दौरा कर वहां तैनात सैनिकों के साथ मुलाकात की। लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अधिकारियों और जवानों से नियंत्रण रेखा पर सतर्क रहने के साथ साथ वहां चौकसी बनाए रखने पर विशेष जोर दिया।