Vikrant Shekhawat : Jan 29, 2021, 08:23 AM
MP: जूली ने छोटकूट के खोही में एक आदमी के घर पर पांच पिल्लों को जन्म दिया, और उसने धूमधाम से मनाया। निमंत्रण कार्ड छपवाए गए और पूरे गांव को भोजन खिलाया गया। 26 जनवरी को हुई यह घटना पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। मुस्तफा खान नाम के शख्स ने इस मौके को खास बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने पड़ोसी गांव से नर्तकियों को बुलाया और पूरे गांव के बीच एक भव्य उत्सव का आयोजन किया। घर आए मेहमानों ने भी पप्पी को आशीर्वाद दिया।
कुतिया पैदा होने पर इतनी बड़ी आवाज सुनना थोड़ा अजीब है। लेकिन इसके लिए, निमंत्रण कार्ड छपे थे। जिसमें लिखा था कि श्री कामतानाथ महाराज जी की असीम अनुकंपा के कारण हमारे प्यारे जूली (कुतिया) ने पाँच पुत्रों को जन्म दिया है। इस विशेष अवसर पर, बरहण संस्कार और पार्टी और नृत्य और संगीत का कार्यक्रम मंगलवार 26 जनवरी 2021 को आयोजित किया जाना है। इसमें आपको सौहार्दपूर्वक आमंत्रित किया जाता है।बताया जा रहा है कि इस उत्सव में दो हजार लोगों को खाने के लिए आमंत्रित किया गया था। बैंड-बाजा, डीजे पर लोगों ने जमकर डांस किया। यह कार्यक्रम लंबे समय तक चला। जूली (कुतिया) और उसके बच्चों को नए कपड़े पहनाए गए।ग्रामीणों का कहना है कि इस उत्सव के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण है कि एक समय पूरे गांव में अकाल पड़ा था। जिसके बाद गाँव के कुत्तों ने भगवान गबिनाथ से प्रार्थना की और गाँव का अकाल दूर हो गया। तब से पूरे गांव में लोग कुत्तों से प्यार करते हैं।
कुतिया पैदा होने पर इतनी बड़ी आवाज सुनना थोड़ा अजीब है। लेकिन इसके लिए, निमंत्रण कार्ड छपे थे। जिसमें लिखा था कि श्री कामतानाथ महाराज जी की असीम अनुकंपा के कारण हमारे प्यारे जूली (कुतिया) ने पाँच पुत्रों को जन्म दिया है। इस विशेष अवसर पर, बरहण संस्कार और पार्टी और नृत्य और संगीत का कार्यक्रम मंगलवार 26 जनवरी 2021 को आयोजित किया जाना है। इसमें आपको सौहार्दपूर्वक आमंत्रित किया जाता है।बताया जा रहा है कि इस उत्सव में दो हजार लोगों को खाने के लिए आमंत्रित किया गया था। बैंड-बाजा, डीजे पर लोगों ने जमकर डांस किया। यह कार्यक्रम लंबे समय तक चला। जूली (कुतिया) और उसके बच्चों को नए कपड़े पहनाए गए।ग्रामीणों का कहना है कि इस उत्सव के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण है कि एक समय पूरे गांव में अकाल पड़ा था। जिसके बाद गाँव के कुत्तों ने भगवान गबिनाथ से प्रार्थना की और गाँव का अकाल दूर हो गया। तब से पूरे गांव में लोग कुत्तों से प्यार करते हैं।