टोक्यो ओलंपिक / 6 बार की विश्व चैंपियन मैरी कॉम ने ओलंपिक्स में जीता अपना पहला मैच, अंतिम 16 में पहुंचीं

6 बार की विश्व चैंपियन भारतीय बॉक्सर मैरी कॉम ने रविवार को फ्लाइवेट (48 किलो-51 किलो) वर्ग में टोक्यो 2020 ओलंपिक्स का अपना पहला मैच जीत लिया। 38-वर्षीय मैरी कॉम ने 3 राउंड के बाद डोमिनिका की मिगुएलिना हर्नांडेज़ गार्सिया को 4-1 से हराया। मैरी कॉम अब 29 जुलाई को राउंड ऑफ 16 में कोलंबिया की इंग्रिट वैलेंसिया से खेलेंगी।

Vikrant Shekhawat : Jul 25, 2021, 02:57 PM
टोक्यो: टोक्यो ओलिंपिक (Tokyo Olympics0 की रिंग में भारत की स्टार महिला बॉक्सर मैरीकॉम (Mary Kom) ने जीत से खाता खोल लिया है. राउंड ऑफ 32 के मुकाबले में 6 बार की वर्ल्ड चैंपियन ने डॉमिनिक रिपब्लिक की महिला बॉक्सर के खिलाफ मुकाबला जीत लिया है. इसी के साथ मैरीकॉम के मुक्के ने टोक्यो की रिंग में भारत के लिए मेडल की आस जगा दी है.  मैरीकॉम ने महिलाओं के 51 किलोग्राम भार वर्ग में बॉक्सिंग के राउंड ऑफ 32 का मुकाबला 4-1 से जीता.

टोक्यो की रिंग में मैरीकॉम ने अपने पहले मुकाबले की शुरुआत सोची समझी रणनीति के साथ की. उन्होंने पूरे मुकाबले में अपने अनुभव का भरपूर इस्तेमाल करते हुए मुकाबला जीता. 3 राउंड के मुकाबले में मैरीकॉम ने पहला राउंड संभलकर खेला. इस राउंड में उन्होंने सारा फोकस अपनी एनर्जी बचाकर रखने पर किया. और, सिर्फ मौका मिलने पर ही विरोधी पर हमला करती दिखी.

दूसरे राउंड में बराबर की दिखी टक्कर

मैच के दूसरे राउंड में मैरीकॉम थोड़ी आक्रामक हमले करती दिखी. हालांकि, इस क्रम में विरोधी बॉक्सर से भी उन्हें कड़ी टक्कर मिली. डॉमिनिक रिपब्लिक की बॉक्सर ने भी मैरीकॉम के हमलों का जवाब दूसरे राउंड में भरपूर दिया. यही वजह रही कि ये राउंड जब खत्म हुआ तो स्कोर फिफ्टी-फिफ्टी का रहा. यानी 2 जज ने मैरीकॉम को 10-10 अंक दिए तो दो ने डॉमिनिक रिपब्लिक की बॉक्सर को 10-10 अंक दिए.

तीसरे राउंड में आक्रामक बॉक्सिंग का प्रदर्शन

दूसरा राउंड बेशक बराबरी का रहा पर तीसरे राउंड में मैरीकॉम पूरी तरह हावी रहीं. उन्होंने विरोधी बॉक्सर पर घूंसों की बौछार कर दी. मैरीकॉम ने इस राउंड में आक्रामक बॉक्सिंग की नुमाइश की. इस राउंड को जीतने के लिए मैरीकॉम ने अपनी पूरी एनर्जी और साथ में अनुभव झोंक दिया. और इसका फल भी उन्हें टोक्यो ओलिंपिक की रिंग में पहली जीत के तौर पर मिला.

मैरीकॉम ने लंदन ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. टोक्यो संभवत: उनका आखिरी ओलिंपिक हो सकता है. ऐसे में मैरी अपने आखिरी ओलिंपिक को यादगार बनाना चाहेंगी. और इसे यादगार बनाने का इससे बेहतर तरीका क्या हो सकता है कि मेडल का रंग बदला जाए. इस बार मैरी की निगाह ब्रॉन्ज को गोल्ड में बदलने पर होगी.