Vikrant Shekhawat : Jun 17, 2022, 05:55 PM
Delhi: केंद्र की अग्निपथ योजना को लेकर जारी हिंसा के बीच तेलंगाना के सिकंदराबाद में बड़ा हादसा टल गया। नई सैन्य भर्ती नीति यानी 'अग्निपथ योजना' के विरोध में गुस्साई भीड़ ने तेलंगाना में कई ट्रेनों में आग लगा दी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। इस दौरान हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 15 से अधिक घायल हो गए।
5,000 आंदोलनकारी रेलवे स्टेशन में घुसेराज्य में सबसे बड़ी हिंसा का मामला सिकंदराबाद से सामने आया। कम से कम 5,000 आंदोलनकारी कथित तौर पर सिकंदराबाद के एक रेलवे स्टेशन में घुस गए और एक यात्री ट्रेन के उस डिब्बे में आग लगाने की कोशिश की, जिसमें लगभग 40 लोग सवार थे। इन यात्रियों में कुछ बच्चे भी शामिल थे। हालांकि रेलवे कर्मचारियों की सूझबूझ ने इन यात्रियों की जान बचा ली। उन्होंने इन यात्रियों को उस डिब्बे से निकालकर बगल वाले डिब्बे में ले जाने में मदद की।यात्री ट्रेन के डिब्बे में सवार थे 40 यात्री, ऐसे बचाई जानएसी पावर कार मैकेनिक सुमन कुमार शर्मा ने एनडीटीवी को बताया कि ए1 कोच के अंदर कम से कम 40 यात्री थे। प्रदर्शनकारियों ने लाठी और पत्थरों से उस पर हमला किया था। कोच के अंदर मलबा दिखाते हुए उन्होंने कहा, "यहां (कोच के अंदर) करीब 40 लोग थे, लेकिन अपराध में कितने लोग शामिल थे इसकी मैं गिनती नहीं कर सका। वे 5,000 से ज्यादा थे।" उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने कोच में आग लगाने की भी कोशिश की, लेकिन कर्मचारियों की समय पर कार्रवाई ने उसे बचा लिया। यह बताते हुए कि यात्रियों को कोच से बाहर कैसे ले जाया गया, शर्मा ने कहा, "दो गेट खुले थे, इसलिए हमने यात्रियों को दूसरे गेट की तरफ से जाने को कहा। हमने उनसे कहा कि आरपीएफ (रेलवे पुलिस) आपको सुरक्षित रखेगी।" पुलिस को करनी पड़ी गोलीबारी इससे पहले रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर उपद्रव करने वाले प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए गोलीबारी की, जहां प्रदर्शन के दौरान एक ट्रेन के तीन डिब्बों को आग लगा दी गई। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक व्यक्ति की मौत हो जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि गोलीबारी आरपीएफ ने की। घायलों का इलाज राजकीय गांधी अस्पताल में चल रहा है। दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने तीन यात्री ट्रेन के कुछ डिब्बों में आग लगा दी लेकिन इन घटनाओं में कोई यात्री हताहत नहीं हुआ। अधिकारी ने बताया, ‘‘ वहां एक घटना (गोलीबारी की) हुई, उन्हें (प्रदर्शनकारियों को) नियंत्रित करने के लिए गोलियां भी चलानी पड़ी।’’रेलवे स्टेशन और आसपास के इलाकों में तनाव सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन और आसपास के इलाकों में तनाव व्याप्त हो गया। रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित दुकानें बंद हैं। टेलीविजन पर प्रसारित वीडियो फुटेज से, स्टेशन पर घायल कुछ प्रदर्शनकारियों को अस्पताल ले जाने के संकेत मिलते हैं। प्रदर्शनकारियों ने एक मालवाहक (पार्सल) डिब्बे से सामान निकाल कर पटरी पर फेंक दिया और उनमें आग लगा दी, जिससे ट्रेन सेवाएं बाधित हुईं।इस योजना के खिलाफ प्रदर्शन पहले बिहार और उत्तर प्रदेश में शुरू हुए, जिसके बाद यह दक्षिणी राज्य में भी फैल गया। बिहार, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में लगातार तीसरे दिन प्रवेश करने के बाद नई सैन्य भर्ती नीति का विरोध दक्षिणी राज्य में फैल गया। पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में भी विरोध प्रदर्शन की खबरें हैं। 200 से अधिक ट्रेनें प्रभावित हुई हैं - 35 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है जबकि 13 शॉर्ट टर्मिनेट की गई हैं। गौरतलब है कि ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं। इस नई योजना के तहत थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती चार साल के लिए संविदा आधार पर की जाएगी और इन्हें ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा।
5,000 आंदोलनकारी रेलवे स्टेशन में घुसेराज्य में सबसे बड़ी हिंसा का मामला सिकंदराबाद से सामने आया। कम से कम 5,000 आंदोलनकारी कथित तौर पर सिकंदराबाद के एक रेलवे स्टेशन में घुस गए और एक यात्री ट्रेन के उस डिब्बे में आग लगाने की कोशिश की, जिसमें लगभग 40 लोग सवार थे। इन यात्रियों में कुछ बच्चे भी शामिल थे। हालांकि रेलवे कर्मचारियों की सूझबूझ ने इन यात्रियों की जान बचा ली। उन्होंने इन यात्रियों को उस डिब्बे से निकालकर बगल वाले डिब्बे में ले जाने में मदद की।यात्री ट्रेन के डिब्बे में सवार थे 40 यात्री, ऐसे बचाई जानएसी पावर कार मैकेनिक सुमन कुमार शर्मा ने एनडीटीवी को बताया कि ए1 कोच के अंदर कम से कम 40 यात्री थे। प्रदर्शनकारियों ने लाठी और पत्थरों से उस पर हमला किया था। कोच के अंदर मलबा दिखाते हुए उन्होंने कहा, "यहां (कोच के अंदर) करीब 40 लोग थे, लेकिन अपराध में कितने लोग शामिल थे इसकी मैं गिनती नहीं कर सका। वे 5,000 से ज्यादा थे।" उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने कोच में आग लगाने की भी कोशिश की, लेकिन कर्मचारियों की समय पर कार्रवाई ने उसे बचा लिया। यह बताते हुए कि यात्रियों को कोच से बाहर कैसे ले जाया गया, शर्मा ने कहा, "दो गेट खुले थे, इसलिए हमने यात्रियों को दूसरे गेट की तरफ से जाने को कहा। हमने उनसे कहा कि आरपीएफ (रेलवे पुलिस) आपको सुरक्षित रखेगी।" पुलिस को करनी पड़ी गोलीबारी इससे पहले रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर उपद्रव करने वाले प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए गोलीबारी की, जहां प्रदर्शन के दौरान एक ट्रेन के तीन डिब्बों को आग लगा दी गई। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक व्यक्ति की मौत हो जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि गोलीबारी आरपीएफ ने की। घायलों का इलाज राजकीय गांधी अस्पताल में चल रहा है। दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने तीन यात्री ट्रेन के कुछ डिब्बों में आग लगा दी लेकिन इन घटनाओं में कोई यात्री हताहत नहीं हुआ। अधिकारी ने बताया, ‘‘ वहां एक घटना (गोलीबारी की) हुई, उन्हें (प्रदर्शनकारियों को) नियंत्रित करने के लिए गोलियां भी चलानी पड़ी।’’रेलवे स्टेशन और आसपास के इलाकों में तनाव सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन और आसपास के इलाकों में तनाव व्याप्त हो गया। रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित दुकानें बंद हैं। टेलीविजन पर प्रसारित वीडियो फुटेज से, स्टेशन पर घायल कुछ प्रदर्शनकारियों को अस्पताल ले जाने के संकेत मिलते हैं। प्रदर्शनकारियों ने एक मालवाहक (पार्सल) डिब्बे से सामान निकाल कर पटरी पर फेंक दिया और उनमें आग लगा दी, जिससे ट्रेन सेवाएं बाधित हुईं।इस योजना के खिलाफ प्रदर्शन पहले बिहार और उत्तर प्रदेश में शुरू हुए, जिसके बाद यह दक्षिणी राज्य में भी फैल गया। बिहार, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में लगातार तीसरे दिन प्रवेश करने के बाद नई सैन्य भर्ती नीति का विरोध दक्षिणी राज्य में फैल गया। पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में भी विरोध प्रदर्शन की खबरें हैं। 200 से अधिक ट्रेनें प्रभावित हुई हैं - 35 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है जबकि 13 शॉर्ट टर्मिनेट की गई हैं। गौरतलब है कि ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं। इस नई योजना के तहत थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती चार साल के लिए संविदा आधार पर की जाएगी और इन्हें ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा।