दुनिया / कोरोना से डरकर मास्क पहने आ रहा है क्षुद्रग्रह, आज पृथ्वी के पास से गुजरेगा

पूरी दुनिया में इस समय कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रही है। इसी बीच पृथ्वी के पास से बुधवार को एक क्षुद्रग्रह गुजरने वाला है। ऐसा लग रहा है कि यह विशाल पिण्ड अपने मुंह पर मास्क लगाए धरती की ओर चला आ रहा है। पिछले महीने ही नासा ने ऐलान किया था कि एक विशाल क्षुद्रग्रह पृथ्वी के पास से गुजरने वाला है। उस समय नासा ने इसका आकार हिमालय के बराबर बताया था।

News18 : Apr 29, 2020, 10:34 AM
नई दिल्ली: पूरी दुनिया में इस समय  कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रही है। इसी बीच पृथ्वी के पास से बुधवार को एक क्षुद्रग्रह (Asteroid) गुजरने वाला है। ऐसा लग रहा है कि यह विशाल पिण्ड अपने मुंह पर मास्क लगाए धरती की ओर चला आ रहा है।


कब गुजरेगा यह पृथ्वी के पास से

पिछले महीने ही नासा ने ऐलान किया था कि एक विशाल क्षुद्रग्रह पृथ्वी के पास से गुजरने वाला है। उस समय नासा ने इसका आकार हिमालय के बराबर बताया था। यह क्षुद्रग्रह  29 अप्रैल को यानि आज पृथ्वी के काफी पास से गुजरने वाला है। कई लोगों को यह आशंका थी कि यह क्षुद्रग्रह पृथ्वी से टकरा जाएगा, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा कुछ नहीं होगा।

कितना बड़ा है यह क्षुद्रग्रह

यह क्षुद्रग्रह 1.8 किलोमीटर चौड़ा और 4 किलोमीटर लंबा है। यह करीब हिमालय से 10 गुना बड़ा है। प्यूट्रो रिको की एरिसिबो ऑबजर्वेटरी की ओर से जारी तस्वीरों से पता चला है कि 52768 (1998 OR2) पृथ्वी की ओर आ रहा है। यह पहली बार 1998 में देखा गया था।

क्या मास्क लगाकर आ रहा है यह धरती की तरफ

ऑबसर्वेटरी के प्लैनेटरी रेडार प्रमुख ऐनी विर्की का कहना है, “इस 1998 OR2 क्षुद्रग्रह के एक छोर के पहाड़ और चोटियां जैसी स्थालाकृतियां वैज्ञानिक कौतूहल पैदा कर रही हैं। लेकिन चूंकि सभी लोग कोविड-19 के बारे में सोच रहे हैं, यह आकृतियां ऐसी दिख रही हैं जैसे कि 1998 OR2  ने कोई मास्क लगाया हुआ है।“

क्यों दिखा रहा है इसमें मास्क

ये सच है कि यह क्षुद्रग्रह पृथ्वी के पास से गुजर रहा है, लेकिन पूरी दुनिया का ध्यान इस समय कोरोना वायरस पर है। इस वजह से इसकी तस्वीरों से भी ऐसा लग रहा है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए किसी ने मास्क पहना है। इसी वजह से ऐनी ने भी 1998 OR2 की आकृतियों की तुलना मास्क से कर दी।

कितनी दूर से निकलेगा यह

यह क्षुद्रग्रह पृथ्वी से  3908791 मील यानी करीब 63 लाख किलोमीटर दूर से निकल जाएगा। यह दूसरी पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से 16 गुना ज्यादा है। पृथ्वी और चांद के बीच की दूरी 3, 85,000 किमी की है।


क्या नुकसान पहुंचाएगा पृथ्वी को

इससे साफ है कि यह पृथ्वी को किसी तरह का नुकसान पहुंचाए बिना ही गुजर जाएगा। 29 अप्रैल को इसकी गति 19,461 मील प्रति घंटा होने की संभावना है। नासा के मानदंडों के अनुसार कोई भी क्षुद्रग्रह जब पृथ्वी के पास से गुजरता है तो वह तब तक खतरनाक नहीं माना जाता है जब तक कि उसकी दूसरी 75 लाख किलोमीटर से कम की दूरी न हो।


क्षुद्रग्रह यूं ही नहीं टकराते पृथ्वी से

आमतौर पर क्षुद्रग्रह पृथ्वी की ओर तो आते हैं, लेकिन वे पृथ्वी से नहीं टकराते। ऐसी घटनाएं बहुत अपवाद स्वरूप ही देखने को मिली हैं।  कम से कम मानव इतिहास में तो ऐसी कोई घटना के साक्ष्य नहीं मिले हैं जब कोई बहुत ही बड़ा क्षुद्रग्रह पृथ्वी से टकराया हो।


धरती से कब टकरा चुके हैं क्षुद्रग्रह

इस लिहाज से 1908 में साइबेरिया में एक 50 मीटर बड़ा क्षुद्रग्रह टकराया था। करीब 50 हजार साल पहले अमेरिका के ऐजोरिना भी करीब 1।2 किलोमीटर बड़ा क्षुद्रग्रह टकराया था। उससे पहले 650 लाख साल पहले  एक बहुत बड़ा क्षुद्रग्रह पृथ्वी पर मैक्सिको में टकराया था जिससे डायनासोर प्रजाति का ही सफाया हो गया था। यही वजह है कि लोग क्षुद्र ग्रह को लेकर इतने आशंकित रहते हैं।