Vikrant Shekhawat : Oct 05, 2023, 01:11 PM
Maldives India Row: मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का नया बयान भारत के लिए टेंशन को बढ़ाने वाला है. उन्होंने ऐलान किया है कि मालदीव में मौजूद सभी विदेशी सैनिकों को वापस भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि जीत से साफ हो गया कि हमारे देश के लोगों ने तय किया है कि वो नहीं चाहते कि भारतीय सैनिक मालदीव में रहें. इसलिए विदेशी सैनिक यहां रहकर हमारी भावनाओं को आहत नहीं कर सकते. ऐसे में सवाल है कि आखिर कई बार मालदीव की मदद करने वाले भारत के सैनिक और विमान राष्ट्रपति मुइज्जू की आंखों में क्यों चुभ रहे हैं.आइए इसकी पूरी कहानी समझते हैं. साल 2020 और 2013 में भारत ने उपहार में डोर्नियर विमान और दो हेलीकॉप्टर दिए. नवंबर 2021 में, मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) ने सुरक्षा सेवाओं पर संसदीय समिति को सूचित किया था कि विमान और हेलिकॉप्टरों को संचालित करने के लिए 75 भारतीय सैन्यकर्मी मालदीव में तैनात थे. भारतीय सेना लंबे समय से मालदीव में है. यह वहां के लोगों की मदद करने के लिए तैनात है.मालदीव में अलग-अलग द्वीपों पर बीमार और घायलों को एयरलिफ्ट करने के लिए इन विमानों का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में सवाल है कि नए राष्ट्रपति की आंखों में भारत के 2 विमान, 1 हेलिकॉप्टर और 75 भारतीय सैनिक क्यों चुभ रहे हैं. अब इसे समझ लेते हैं.चीन से है कनेक्शनविदेशी मामलों के जानकार बताते हैं कि मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को चीनी समर्थक कहा जा रहा है. चीन पहले से ही भारत और इसके पड़ोसी देशों अपना प्रभाव जमाने की कोशिश में लगा रहा है. पहले पाकिस्तान फिर श्रीलंका और नेपाल के जरिए भारत को घेरने की कोशिश करता रहा है. चीन किसी न किसी रूप में इन देशों की मदद करके भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता रहता है.चीन की नजर अब मालदीव पर है. चीन मालदीव राष्ट्रपति के जरिए भारत पर नजर रखने की कोशिश में जुट गया है. रणनीतिक रूप से देखें तो मालदीव जिस समुंद्र पर बसा है वो काफी अहम है. चीन मालदीव से करीबी बनाकर हिन्द महासागर पर कब्जा करने की तैयारी में है, जो उसका पुराना सपना रहा है. यही उसकी सबसे बड़ी रणनीति है.2016 में मालदीव ने चीन की एक कंपनी को अपना एक द्वीप 50 सालों के लिए लीज पर दिया था. यह डील 40 लाख डॉलर में हुई थी.ड्रैगन से क्यों और कैसे बढ़ेगा खतरा?भारत की भौगोलिक स्थिति के हिसाब से देखें तो मालदीव काफी खास है. यह भारत के करीब है. इसलिए अगर मालदीव में चीन का कब्जा बढ़ता है तो यह भारत के खतरा बढ़ना लाजमी है. इससे भारत के लिए खतरा पैदा हो सकता है. चीन पहले श्रीलंका के जरिए भारत पर नजर रखने की कोशिश में लगा था, लेकिन अब मालदीव के जरिए वो भारत में जासूसी करने की कोशिश करेगा. मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का चीन की तरफ झुकाव होना ड्रैगन के लिए संजीवनी साबित होगा.फ्री ट्रेड एग्रीमेंट ने चौंकायाइन सबके बीच सबसे चौंकाने वाली बात है फ्री-ट्रेड एग्रीमेंट. मालदीव ने चीन के साथ फ्री-ट्रेड एग्रीमेंट किया है. चीन का यह कदम हैरान करने वाला रहा है. इससे साफ है मालदीव और चीन की दोस्ती कैसे भारत के लिए खतरा साबित हो सकती है.ऐसा तब है जब भारत ने कई मौकों पर मालदीव की मदद की. 1988 में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने मालदीव में भारतीय सेना भेजकर मौमून अब्दुल ग़यूम की सरकार को बचाया था. इसके अलावा 2004 में आई सुनामी के बीच भारतीय विमान वहां मदद लेकर पहुंचा था.