लापरवाही / ऑपरेशन के बाद डॉक्टर ने महिला के पेट में छोड़ी पट्टी, स्पॉन्ज और बैंडेज, टांकों की जगह से खुला पेट

हरियाणा के पानीपत में बरसत रोड स्थित एक निजी अस्पताल में डॉक्टर ने महिला की डिलीवरी के दौरान पेट में ही पट्टी, स्पॉन्ज और बैंडेज छोड़ दिया। दो माह तक महिला के पेट में तेज दर्द होता रहा। आरोप है कि डॉक्टर महिला को गुमराह करती रही और उसके पेट में पस बनता रहा। ऑपरेशन के 45 दिन पस बनने की वजह से बने दबाव की वजह से पेट टांकों की जगह से खुल गया। रक्त रिसाव के बाद महिला बेहोश हो गई।

Vikrant Shekhawat : Apr 07, 2022, 12:03 PM
हरियाणा के पानीपत में बरसत रोड स्थित एक निजी अस्पताल में डॉक्टर ने महिला की डिलीवरी के दौरान पेट में ही पट्टी, स्पॉन्ज और बैंडेज छोड़ दिया। दो माह तक महिला के पेट में तेज दर्द होता रहा। आरोप है कि डॉक्टर महिला को गुमराह करती रही और उसके पेट में पस बनता रहा। ऑपरेशन के 45 दिन पस बनने की वजह से बने दबाव की वजह से पेट टांकों की जगह से खुल गया। रक्त रिसाव के बाद महिला बेहोश हो गई। पीड़िता की शिकायत पर महिला डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।

परिजन महिला को जीसी गुप्ता अस्पताल में लेकर गए, यहां पर डॉक्टर की लापरवाही का खुलासा हुआ। महिला का दोबारा ऑपरेशन कर पट्टी, स्पॉन्ज और बैंडेज निकाला गया। फिलहाल महिला चलने फिरने में अमर्थ है। परिजनों का आरोप है कि इतनी बड़ी लापरवाही के बाद भी डॉक्टर ने उनसे माफी नहीं मांगी। उन्हें उल्टा धमकाया गया। वे डॉक्टर पर कार्रवाई के लिए एसपी शशांक कुमार सावन से मिले। उनके निर्देशों पर अब सिटी थाना पुलिस ने डॉक्टर दंपती पर केस दर्ज किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

करनाल स्थित गांव मूनक निवासी कोमल ने बताया कि उसकी 12 दिसंबर 2019 को मोहित के साथ शादी हुई थी। 28 सितंबर 2021 को परिजन डिलीवरी के लिए उसे बरसत रोड स्थित एक निजी अस्पताल लेकर गए। यहां ऑपरेशन से उसने बेटी को जन्म दिया। डॉक्टर दंपती ने उनसे कहा कि ऑपरेशन सही हुआ है। 30 सितंबर 2021 को उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई।

कुछ दिन बाद उसके पेट में दर्द रहने लगा। नौ नवंबर को पति मोहित उसे दोबारा उसी अस्पताल लेकर गए। यहां पर डॉक्टर ने उसे दाखिल कर लिया। उसको अल्ट्रासाउंड के लिए सनौली रोड स्थित डायग्नोसिटक सेंटर में भेजा गया। यहां डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट देखकर कहा कि स्थिति सामान्य है। उसे दोबारा अस्पताल में भेज दिया गया। 11 नवंबर को डॉक्टर ने उससे कहा कि ऑपरेशन के कारण पस पड़ गया, जिसे इंजेक्शन से निकाल दिया है।

13 नवंबर को उसको दोबारा पेट में दर्द हुआ। अचानक पेट के टांके खुल गए। रक्त बहने लगा। परिजन उसे सेक्टर 11 स्थित जीसी गुप्ता अस्पताल में ले गए। यहां डॉक्टर ने दोबारा जांच की।  डॉक्टर ने बताया कि उनके पेट में ऑपरेशन के दौरान में डॉक्टर ने पट्टियां, बैंडेज और स्पॉन्ज छोड़ दिया है। यहां पर फिर ऑपरेशन किया गया और तीनों चीजें निकाली गईं। 

डाग्नोसिटक सेंटर ने भी छुपाई सच्चाई

परिजनों का आरोप कि अल्ट्रासाउंड में साफ साफ पेट में कोई वस्तु दिख रही थी। डॉयग्नोस्टिक सेंटर डॉक्टर ने भी उनसे यह बात छुपाई है। वह भी महिला डॉक्टर के साथ मिला हुआ है। पेट से 250 ग्राम पट्टी निकली है।

कमेटी की जांच में यह आया सामने

मामले की जांच सिविल अस्पताल के पीएमओ को सौंपी गई थी। उन्होंने एसएमओ डॉ. श्यामलाल, डॉ. लिपिका बंसल, डॉ. अंजलि बंसल और डॉ. विश्वजीत को दी थी। कमेटी की जांच में ये स्पष्ट हुआ कि कोमल को शल्य चिकित्सा के बाद की जटिलता का सामना करना पड़ा। पेट में छोड़ी गई पट्टी, स्पॉन्ज एवं बैंडेज से संक्रमण हुआ है।  डॉक्टर की लापरवाही रही है। जिसके बाद कमेटी ने अपनी रिपोर्ट एसपी को सौंपी। रिपोर्ट में लापरवाही सामने आने के बाद महिला डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज किया गया।