Zee News : May 29, 2020, 08:56 AM
मेड्रिड, स्पेन: स्पेन (Spain) का कहना है कि उन्हें COVID-19 रोगियों के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) के इस्तेमाल को रोक देने का कोई कारण नहीं दिखता है, भले ही यूरोपीय सरकारों ने बुधवार को इस मलेरिया-रोधी दवा के इस्तेमाल पर रोक लगा दी हो।
फ्रांस, इटली और बेल्जियम सहित कई यूरोपीय देशों ने सोमवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के फैसले के बाद सुरक्षा चिंताओं के कारण हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल को रोक दिया।ब्रिटेन के एक नियामक ने बुधवार को कहा कि एक अन्य ट्रायल के शुरु होने के एक सप्ताह के अंदर अंदर इसे रोक दिया गया है। आंशिक रूप से बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित इस अध्ययन को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय कर रहा है, इसमें 40,000 स्वास्थ्यकर्मियों के शामिल होने की उम्मीद थी।शुरुआती रिपोर्टों के बाद कि यह कुछ रोगियों के लिए मददगार है, कई देशों ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को कोविड-19 के संभावित उपचार के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तो इस दवा के एक मजबूत समर्थक थे, जिन्होंने दवा को 'गेम चेंजर' कहा था। बाद में उन्होंने घोषणा की कि संक्रमण से बचने के लिए वो इस दवा को ले रहे हैं। हालांकि, हाल ही के कुछ अध्ययनों ने इस दवा पर सवाल खड़े किए। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल द लैंसेट ने कहा कि जिन कोरोना वायरस रोगियों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दी जा रही है उनकी मौत होने का खतरा ज्यादा है और उनके दिल की धड़कनें खतरनाक रूप से अनियमित हो सकती हैं। एक लैंसेट अध्ययन में दिन रोगियों ने यह दवा ली थी उनमें उच्च मृत्यु दर पायी गयी।जर्मनी द लैंसेट की स्टडी और WHO के फैसले पर विचार तो कर रहा है लेकिन हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर उसने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। अमेरिका के फूड एंड ड्रग विभाग ने डॉक्टरों को COVID-19 मरीजों पर आपातकालीन स्थिति में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के उपयोग की अनुमति तो दी है, लेकिन उन्हें इससे इलाज करने की मंजूरी नहीं दी है।
फ्रांस, इटली और बेल्जियम सहित कई यूरोपीय देशों ने सोमवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के फैसले के बाद सुरक्षा चिंताओं के कारण हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल को रोक दिया।ब्रिटेन के एक नियामक ने बुधवार को कहा कि एक अन्य ट्रायल के शुरु होने के एक सप्ताह के अंदर अंदर इसे रोक दिया गया है। आंशिक रूप से बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित इस अध्ययन को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय कर रहा है, इसमें 40,000 स्वास्थ्यकर्मियों के शामिल होने की उम्मीद थी।शुरुआती रिपोर्टों के बाद कि यह कुछ रोगियों के लिए मददगार है, कई देशों ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को कोविड-19 के संभावित उपचार के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तो इस दवा के एक मजबूत समर्थक थे, जिन्होंने दवा को 'गेम चेंजर' कहा था। बाद में उन्होंने घोषणा की कि संक्रमण से बचने के लिए वो इस दवा को ले रहे हैं। हालांकि, हाल ही के कुछ अध्ययनों ने इस दवा पर सवाल खड़े किए। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल द लैंसेट ने कहा कि जिन कोरोना वायरस रोगियों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दी जा रही है उनकी मौत होने का खतरा ज्यादा है और उनके दिल की धड़कनें खतरनाक रूप से अनियमित हो सकती हैं। एक लैंसेट अध्ययन में दिन रोगियों ने यह दवा ली थी उनमें उच्च मृत्यु दर पायी गयी।जर्मनी द लैंसेट की स्टडी और WHO के फैसले पर विचार तो कर रहा है लेकिन हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर उसने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। अमेरिका के फूड एंड ड्रग विभाग ने डॉक्टरों को COVID-19 मरीजों पर आपातकालीन स्थिति में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के उपयोग की अनुमति तो दी है, लेकिन उन्हें इससे इलाज करने की मंजूरी नहीं दी है।