Vikrant Shekhawat : Sep 17, 2020, 05:52 PM
- इससे देश के सभी जिलों में जनऔषधि केन्द्र होंगें
- सभी केन्द्रों पर दवाओं की सही समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आईटी-सक्षम प्रभावी लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति-श्रृंखला प्रणाली को मजबूत बनाया गया है
जनऔषधि केन्द्रों का नेटवर्क बढ़ने के साथ ही देश के सभी जिलों में जनऔषधि केंद्र हो जाएंगे जिससे देश के हर कोने में लोगों को किफायती कीमतों पर आसानी से दवाएं मिल सकेंगी।
मार्च से जून, 2020 तक जनऔषधि केन्द्रों को कई तरह की चुनौतियों से जूझना पड़ा। परिवहन के लिए वाहनों की उपलब्धता नहीं होने के कारण केन्द्रीय और क्षेत्रीय गोदामों से जनऔषधि केंद्रों तक दवा तथा दवाओं के लिए जरुरी कच्चे माल की समय पर और आवश्यकतानुरुप आपूर्ति नहीं हो पाई। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए केन्द्रों पर दवाओं का सही समय पर वितरण सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी आईटी सक्षम लाजिस्टिक आपूर्ति-श्रृंखला प्रणाली विकसित करने पर काम हो रहा है।
वर्तमान में, गुरुग्राम, चेन्नई, बेंगलुरु और गुवाहाटी में प्रधानमंत्री जनऔषधि परियोजना के चार गोदाम कार्य कर रहे है। इसके अलावा, पश्चिमी और मध्य भारत में दो और गोदाम खोलने की योजना है। आपूर्ति श्रृंखला प्रणाली को मजबूत करने के लिए राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में वितरकों की नियुक्ति भी की जा रही है।
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना को 490 करोड़ रुपए के बजट के साथ 2020-21 से 2024- 25 की अवधि के लिए मंजूरी दी गई है।
कोविड लॉकडाउन के कठिन समय के बावजूद इन केन्द्रों ने बिक्री का शानदार प्रदर्शन करते हुए वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में कुल 146.59 करोड़ रुपए का कारोबार किया जबकि 2019 20 की पहली तिमाही मे यह आंकड़ा 75.48 करोड़ रुपए रहा था। जुलाई से 15 सितंबर तक इन केन्द्रों से कुल 109.43 करोड़ रुपए की बिक्री हुई जिसे मिलाकर 15 सितंबर तक कुल 256.02 करोड़ रुपए की बिक्री हो चुकी है।
जनऔषधि केन्द्रों ने गुणवत्ता वाली दवाओं की कीमतों में भारी कमी करते हुए देश की एक बड़ी आबादी विशेषकर गरीबों तक इन दवाओं की पहुंच आसान बना दी है।