Health / Diabetes अब होगी ही नहीं, मर्ज को शरीर में होने से रोकने के लिए आ रही ये दवा

अमेरिका ने टाइप-1 डायबिटीज के पहले प्रिवेंट‍िव ट्रीटमेंट को अपनी मंजूरी दे दी है. इस दवा को फार्मास्‍यूटिकल कंपनी प्रोवेंशनबायो और सनोफी ने बनाया है. इसका नाम है टीजिल्ड (Tzield) है. यह दवा टाइप-1 डायबिटीज होने से रोकती है. Tzield को बनाने वाली फार्मा कंपनी का दावा है कि इसके सेवन से डायबिटीज की बीमारी किसी को होगी ही नहीं.

Vikrant Shekhawat : Jan 27, 2023, 10:58 AM
Type 1 Diabetes Preventative Treatment: अमेरिका ने टाइप-1 डायबिटीज के पहले प्रिवेंट‍िव ट्रीटमेंट को अपनी मंजूरी दे दी है. इस दवा को फार्मास्‍यूटिकल कंपनी प्रोवेंशनबायो और सनोफी ने बनाया है. इसका नाम है टीजिल्ड (Tzield) है. यह दवा टाइप-1 डायबिटीज होने से रोकती है. Tzield को बनाने वाली फार्मा कंपनी का दावा है कि इसके सेवन से डायबिटीज की बीमारी किसी को होगी ही नहीं. अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर (USFDA) ने नवंबर 2022 में इस खास दवा को मंजूरी दी थी.

इससे पहले लाइलाज थी डायबिटीज

टाइप-1 डायबिटीज को ऑटोइम्यून रिऐक्‍शन माना जाता है. यह रिऐक्‍शन पैनक्रियाज (अग्‍नाशय) में उन कोशिकाओं को नष्ट कर देता है जो इंसुलिन बनाती हैं. इन्‍हें बीटा सेल्‍स कहा जाता है. यह प्रक्रिया लक्षण प्रकट होने से पहले महीनों या वर्षों तक चल सकती है. ये Type 2 Diabetes से अलग है. Type 2 Diabetes समय के साथ मुख्‍य रूप से लाइफस्‍टाइल के कारण डेवलप होती है. जबकि टाइप-1 डायबिटीज के लिए इससे पहले यानी अब तक कोई प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट नहीं था. 

इस एज ग्रुप के लोगों को होगा फायदा

चमत्कारी मानी जा रही इस दवा को 8 साल और इससे ज्‍यादा उम्र के उन लोगों के लिए मंजूरी दी गई है जो डायबिटीज की स्‍टेज-2 में हैं. अमेरिकी एक्सपर्ट्स के मुताबिक, टाइप-1 डायबिटीज का अब तक कोई प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट नहीं था. कम से कम अब Type-1 डायबिटीज को होने से कुछ समय के लिए टाला जा सकता है.

क्लीनिकल ट्रायल के नतीजों ने दिखाई राह

इस दवा के नतीजे बहुत उत्‍साहित करने वाले हैं. दरअसल इस दवा के ट्रायल में शामिल हुए, लोगों का कहना है कि बिना इंसुलिन सामान्‍य जिंदगी बिताना कुदरत के किसी वरदान से कम नहीं है. उनका मानना है कि इस दवा ने करोड़ों लोगों की जान बचाने के लिए उम्‍मीद की एक नई किरण जगाई है. ये एक बड़ी उपलब्धि है. इसे सिर्फ वही समझ सकते हैं जो टाइप-1 डायबिटीज से गुजर रहे हैं.

कैसे काम करती है दवा?

Tzield ह्यूमन बॉडी के ऑटोइम्‍यून रेस्‍पॉन्‍स में दखल देती है. इस बीमारी में इम्‍यून सेल्‍स पैनक्रियाज में बनने वाली बीटा कोशिकाओं को नष्‍ट करते हैं. ये इम्‍यून सेल्‍स इंसुलिन बनाते हैं. इंसुलिन ब्‍लड शुगर को अन्‍य कोशिकाओं तक ले जाने में मदद करता है. फिर इसका इस्‍तेमाल ऊर्जा बनाने में होता है. ट्रायल्‍स में Tzield बीमारी को दो साल से अधिक तक रोकने में मदद करती है. हालांकि, कुछ मामले में इससे ज्‍यादा समय तक बीमारी होने से रोका जा सकता है.