AMAR UJALA : Nov 17, 2019, 11:50 AM
बिजनेस डेस्क | देश की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और विमानन कंपनी एयर इंडिया की बिक्री की प्रक्रिया आगामी वर्ष मार्च तक पूरी होने की संभावना है। दोनों कंपनियां जल्द की निजी हाथों में चली जाएंगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह बयान दिया है। सरकार को होगा इतना फायदाआगे उन्होंने कहा है कि ये दोनों सरकारी कंपनियां बेचने से सरकार को इस वित्त वर्ष में एक लाख करोड़ रुपये का फायदा होगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि एयर इंडिया की बिक्री प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही निवेशकों में उत्साह है। जबकि पिछले साल निवेशक इतने उत्साहित नहीं थे। मौजूदा वित्त वर्ष में कर संग्रह में गिरावट आई है। अक्तूबर महीने में जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ से कम रहा। पिछले महीने की तुलना में यह 5.29 फीसदी कम रहा। इसलिए सरकार विनिवेश और स्ट्रैटेजिक सेल के जरिए रेवेन्यू जुटाना चाहती है। सितंबर माह में जीएसटी संग्रह 91,916 करोड़ रुपये रहा था। सुस्ती से निपटने के लिए सरकार कर रही प्रयासटाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में वित्त मंत्री ने कहा कि आर्थिक सुस्ती से निपटने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। देश में कई क्षेत्र अब सुस्ती से बाहर निकल रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि कई उद्योगों के मालिकों से अपनी बैलेंस शीट में सुधार करने को कहा गया है और वे निवेश की तैयारी भी कर रहे हैं। पहले किया था बीपीसीएल को बेचने का एलानपहले खबर आई थी कि केंद्र सरकार भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) में अपनी 53 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी को बेचने जा रही है। इसके लिए सरकार की तरफ से सारी तैयारियों को पूरा कर लिया गया है।55 हजार करोड़ की है बीपीसीएलबीपीसीएल की नेटवर्थ फिलहाल 55 हजार करोड़ रुपये है। अपनी पूरी 53.3 फीसदी बेचकर सरकार का लक्ष्य 65 हजार करोड़ रुपये की उगाही करने का है। पिछले साल सरकार ने ओएनजीसी पर एचपीसीएल के अधिग्रहण के लिए दबाव डाला था। इसके बाद संकट में फंसे आईडीबीआई बैंक के लिए निवेशक नहीं मिलने पर सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में एलआईसी को बैंक का अधिग्रहण करने को कहा था। सरकार विनिवेश प्रक्रिया के तहत संसाधन जुटाने के लिये एक्सचेंज ट्रेडिड फंड (ईटीएफ) का भी सहारा लेती आई है। एयर इंडिया पर है 58 हजार करोड़ का कर्जएयर इंडिया पर फिलहाल लगभग 58,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। इसके अलावा सरकारी विमानन कंपनी का परिचालन घाटे में बना हुआ है। तेल कंपनियों का 5,000 करोड़ रुपये बकाया अगस्त में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने कहा था कि एयर इंडिया का बकाया ईंधन बिल 5,000 करोड़ रुपये हो गया था, जिसका लगभग भुगतान नहीं किया गया था।